टीआरपी डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम नवमी के मौके पर तमिलनाडु को एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया, जो तमिल संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है। यह पुल समुद्र में बना देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है और इंजीनियरिंग का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। इससे न केवल रामेश्वरम और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन और रोजगार बढ़ेंगे, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।

पुराने पुल की जगह नया पंबन ब्रिज

पंबन ब्रिज, 1914 में बने पुराने कैंटीलीवर संरचना आधारित पुल की जगह बनाए गया है। यह पुल रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ता है, और समुद्री क्षरण के कारण 2022 में पुराने पुल को बंद कर दिया गया था। अब यह नया पुल दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों तक श्रद्धालुओं की पहुंच आसान बनाएगा।

पीएम मोदी पुल का उद्घाटन करने के बाद रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे और तमिलनाडु को 8300 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों की सौगात देंगे।

पंबन ब्रिज की खासियतें

  • पंबन ब्रिज की लंबाई 2.07 किलोमीटर है और यह पाक जलडमरूमध्य पर फैला हुआ है।
  • पुल का 72.5 मीटर का नेविगेशनल स्पैन है, जिसे 17 मीटर तक ऊपर उठाया जा सकता है, ताकि समुद्र से जहाज सुरक्षित गुजर सकें।
  • ट्रेनें इस पुल से 80 किमी/घंटा की गति से गुजर सकती हैं। इसे भारी भार और अधिक रेल यातायात के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इस पुल की निर्माण लागत 550 करोड़ रुपये है और इसकी अनुमानित आयु 100 साल है।
  • पुल को समुद्री क्षरण से बचाने के लिए पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गई है और इसकी संरचना को IIT चेन्नई और IIT मुंबई के इंजीनियरों ने डिजाइन किया है।
  • यह पुल गोल्डन गेट ब्रिज (USA), टॉवर ब्रिज (UK) और ओरेसंड ब्रिज (डेनमार्क-स्वीडन) जैसी प्रसिद्ध ब्रिज डिजाइनों से प्रेरित है।