बीजापुर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो ने एक बार फिर शांति वार्ता की पेशकश करते हुए बड़ा बयान जारी किया है। संगठन ने एकतरफा नहीं, बल्कि दोनों पक्षों से एक महीने का युद्धविराम लागू करने की मांग की है, ताकि स्थायी समाधान की दिशा में शांति वार्ता आगे बढ़ सके।

बता दें इसे पहले भी नक्सली संगठनों ने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा था। पहले पत्र में संगठन ने लिखा था सरकार सकारात्मक संकेत देती है तो वे युद्धविराम लागू करने को तैयार हैं।

इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि “हम शांति वार्ता के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बातचीत उन्हीं से होगी जो संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करें। यदि नक्सली चर्चा चाहते हैं, तो उन्हें सामने आकर बात करनी होगी। वे किस समिति की बात कर रहे हैं, यह स्पष्ट करें। सरकार ने ऐसी कोई समिति नहीं बनाई है। जो भी मुझसे बात करना चाहता है, मुझसे सीधे संपर्क करे। हम उन्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे।”

आगे उन्होंने कहा था कि, “बंदूक का जवाब बंदूक से दिया जाएगा। अगर वाकई आप स्कूलों और अस्पतालों का विरोध नहीं करते, तो उन इलाकों में विकास क्यों नहीं हुआ? आज भी कई गांवों में न तो टीवी है, न सिंचाई की सुविधा।”

नक्सल संगठन द्वारा जारी पर्चा