रायपुर। राजधानी में नकली पनीर के पकड़े जाने के बाद एक फिर से पनीर की शुद्धता और मिलावटी पनीर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि हम जिस पनीर को नकली कह रहे हैं, वह अगर ‘पनीर एनालॉग’ है तो उसे भी FSSAI ने मान्यता दे दी है, बशर्ते उसे बनाने वाला पनीर के कंटेंट के बारे में अपनी पैकिंग में स्पष्ट उल्लेख करे, मगर उत्पादक इसकी जानकारी देने की बजाय इसे ही असली पनीर बताकर बेचते है।

क्या है ये पनीर एनालॉग ? जो नॉर्मल पनीर से आधे दाम में बिक रहा…

आजकल इंटरनेट पर ‘पनीर एनालॉग’ की काफी चर्चा हो रही है, जो नॉर्मल पनीर से काफी कम रेट में बिक रहा है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये पनीर है क्या?

ये तो आप सुनते आए हैं कि बाजार में नकली पनीर मिल रहा है। लेकिन, इन दिनों एक खास तरह के पनीर की चर्चा है, जिसका नाम है पनीर एनालॉग। खास बात ये है कि इसे बेचना गैर कानूनी भी नहीं है मगर इसे पनीर के नाम पर बेचा जा रहा है, जो कि गलत है। ऐसे में जानते हैं कि इस पनीर की क्या कहानी है और इसे लेकर क्या नियम है…

जिस चीज को पनीर एनालॉग कहा जा रहा है, वो दरअसल कोई पनीर नहीं है। हालांकि, ये दिखने में और काफी हद तक टेस्ट में पनीर के जैसा ही है। एक तरह से ये पनीर की फर्स्ट कॉपी है। अब सवाल है कि आखिर ये बनता कैसे है। जिसे बाजार में पनीर एनालॉग के नाम से बेचा जा रहा है, पनीर एनालॉग वेजिटेबल ऑयल्स आदि से मिलकर बनता है। इसे बनाने में डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

मार्केट में बिक रहा है पाम ऑयल और मिल्क पाउडर से बना नकली पनीर

पनीर खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन आजकल पनीर के नाम पर मार्केट में नकली पनीर की भरमार है। बहुत से लोग धोखे से असली के बजाय नकली पनीर खरीद लेते हैं। इसलिए पनीर खरीदते समय आपको सतर्कता बरतनी चाहिए और उसकी जांच करनी चाहिए। आजकल मिल्क पाउडर और पाम ऑयल की मदद से आसानी से नकली पनीर बनाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। दरअसल, इसे पनीर एनालॉग कहा जाता है, जिसे खाना सेहत के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक हो सकता है। यह देखने में बिलकुल असली पनीर की ही तरह होता है।

पनीर एनॉलॉग, पाम ऑयल में मिल्क पाउडर को मिक्स करके बनाया जाता है। भारत में ‘पनीर एनालॉग’ बेचना वैसे तो लीगल है, लेकिन इसे डेयरी प्रोडक्ट या पनीर के नाम पर बेचना गलत है। ‘पनीर एनालॉग’ में सामान्य पनीर से ज्यादा सैचुरेटेड फैट होते हैं, साथ ही इसमें पनीर की तरह मिलने वाले पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। आमतौर पर भी यह कई रेस्तरां में इस्तेमाल किया जाता है।

इन खाद्य पदार्थों को पनीर के प्रतिस्थापन के रूप में, शाकाहारी उत्पादों के साथ, या विकल्प के रूप में, सलाद बार और पिज्जा बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्पादों के मामले में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अन्य गुण हो सकते हैं, जैसे कम कोलेस्ट्रॉल सामग्री या अलग गलनांक जो उन्हें व्यवसायों के लिए आकर्षक बनाते हैं।

क्या कहना है FSSAI का

FSSAI के अनुसार, एनालॉग डेयरी प्रॉडक्ट को टेक्निकल रुप से डेयरी प्रॉडक्ट नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसे बनाने के लिए डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल ही नहीं होता है। पनीर एनालॉग को बनाने के लिए पूरा या कुछ हद तक दूसरे फैट्स का इस्तेमाल करके असली पनीर की तरह बनाया जाता है। ऐसे में इसे डेयरी प्रोडक्ट लिखकर नहीं बेचा जा सकता है और नॉन डेयरी प्रोडक्ट की कैटेगरी में ही बेचा जा सकता है।

पनीर से कितना अलग?

एक तो ये दूध से नहीं बनता है। इसके साथ ही इसमें शुद्ध पनीर के प्रोटीन और कई पोषक तत्वों की कमी होती है। इसका टेस्ट उतना अच्छा नहीं होता है, लेकिन काफी हद तक पनीर जैसा रहता है। बता दें कि एक बार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी इसे पनीर के नाम पर बेचा जा रहा था, जिसके बाद से काफी बवाल हुआ था।

कितना सस्ता है यह ?

अगर असली पनीर की बात करें तो बाजार में इसकी कीमत करीब 450 रुपये प्रति किलो है, लेकिन पनीर एनालॉग इसकी तुलना में काफी सस्ता है। इस पनीर एनालॉग को 200 से 250 रुपये किलो तक में बेचा जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक 5 लीटर दूध से एक किलो पनीर बनाया जाता है, ऐसे में जिसे असली पनीर बनाकर दो-ढाई सौ रूपये किलो में बेचा जा रहा है, वह असली तो हो नहीं सकता। दावा किया जाता है आधी कीमत में बिकने वाला ये पनीर कई जगह इस्तेमाल भी हो रहा है।

पनीर एनॉलॉग खाने के नुकसान

एनालॉग पनीर खाना सेहत के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक होता है।
0 इस पनीर में सैचुरेटेड फैट की अधिक मात्रा होती है, जो आगे चलकर हार्ट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।
0 इसमें पाम ऑयल होता है, जिसे ज्यादा खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
0 एनालॉग पनीर खाने से आपको कब्ज, अपच और डायरिया की समस्या हो सकती है।
0 कई बार इसे ज्यादा खाना लिवर और किडनी से जुड़ी समस्याओं का कारण भी बन सकता है।

आयोडीन परीक्षण

अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए, आप FSSAI द्वारा सुझाए गए आयोडीन परीक्षण का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें पनीर को उबालना और फिर उसमें आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें मिलाना शामिल है। आयोडीन मिलाने के बाद नीले रंग का दिखना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पनीर कृत्रिम है, जो इसे प्रमाणीकरण के लिए एक विश्वसनीय तरीका बनाता है।

‘सोया पनीर’ है पनीर का बेहतर विकल्प

‘सोया पनीर’ जिसे टोफू भी कहते हैं, पनीर का एक बेहतर विकल्प हो सकता है, खासकर कुछ स्वास्थ्य कारणों से। सोया पनीर में पनीर की तुलना में कम वसा और कैलोरी होती है, साथ ही यह प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है। इसे सोयाबीन से बनाया जाता है और इसके लाभ को देखते हुए मार्केट में सोया पनीर की डिमांड बढ़ गई है।

सोया पनीर और पनीर दोनों ही प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं, लेकिन सोया पनीर कुछ स्वास्थ्य कारणों से पनीर से बेहतर हो सकता है, जैसे कि कम वसा और कैलोरी, सुपाच्यता, और हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर होना। यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, या आपका हृदय स्वास्थ्य बेहतर है, तो सोया पनीर एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यदि आपको पनीर पसंद है और आप दूध से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं, तो पनीर भी एक अच्छा विकल्प है। अंततः, आपके लिए क्या बेहतर है, यह आपकी व्यक्तिगत पसंद और जरूरतों पर निर्भर करता है.

तो रहिये सावधान, और देख-परख कर ही असली पनीर खरीदें। वैसे इसकी पैकिंग में दी गई जानकारी से ही पता चल जाता है कि पनीर असली है या एनॉलॉग पनीर, मगर कई बार नकली पनीर को ही अधिकांशतया पैकिंग में भी असली पनीर बताकर बेचा जाता है। हालांकि नकली पनीर बेचने वाले अक्सर इसे खुले में बेचते हैं, इसलिए इसका आयोडीन परीक्षण बड़ा ही आसान होता है। जिसका उल्लेख ऊपर में दिया गया है। अगर आपको कहीं भी नकली पनीर बेचे जाने का पता चलता है और अगर आप इसकी शिकायत करना चाहते हैं तो इस संबंध में जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग या फिर SDM से कर सकते हैं जो विभाग के प्रमुख के बतौर नियुक्त किये गए हैं।