कोंडागांव। एक दिन पूर्व ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए हादसे में भाजपा नेता पुरेंद्र कौशिक की कार की टक्कर से कांग्रेस नेता हेमंत भोयर की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में प्रारंभिक रूप से दुर्घटना का मामला दर्ज किया था, लेकिन 20 घंटे बाद मृतक की पत्नी की रिपोर्ट पर पुलिस ने भाजपा नेता के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत FIR दर्ज कर ली। इस घटना के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन किया।

हत्या की साजिश या हादसा..?

कोंडागांव जिला अस्पताल के सामने स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर शुक्रवार दोपहर लगभग 2 बजे भाजपा नेता पुरेंद्र कौशिक की कार ने कांग्रेस नेता हेमंत भोयर (युवा कांग्रेस कोण्डागांव विधानसभा उपाध्यक्ष तथा मुलमुला पंचायत के पंच) को टक्कर मार दी। घायल अवस्था में हेमंत को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पहले दर्ज हुई थी दुर्घटना की FIR

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने देर शाम प्राथमिक रूप से भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (लापरवाह या तेज रफ्तार वाहन चलाना) व धारा 304 (लापरवाही से मौत) के तहत एफआईआर दर्ज कर पोस्टमार्टम के आदेश दिए। पुलिस ने रफ्तार अधिक होने और वाहन नियंत्रण खोने को हादसे का कारण बताया।

कांग्रेस पार्टी ने किया प्रदर्शन

इस FIR के बाद गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ता, स्थानीय ग्रामीण और मृतक के परिजन सड़कों पर उतर आए। जिला अस्पताल के सामने इंजन-ऑयल क्रॉसिंग पर करीब एक घंटे तक चक्का जाम किया गया। “हत्या है दुर्घटना नहीं” और “न्याय दो” जैसे नारे लगाए गए।

पत्नी के बयान से पलट गई केस की दिशा

मृतक की पत्नी सीमा भोयर ने रात में ही थाने में पहुंचकर दावा किया कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि उसके पति की जानबूझकर हत्या की गई है। पत्नी के आरोपों के आधार पर रविवार सुबह पुलिस ने धारा 302 (हत्या) सहित धारा 34 (साझा इरादे) के तहत भाजपा नेता पुरेंद्र कौशिक के विरुद्ध नया मामला दर्ज कर लिया।

मोहन मरकाम ने जताई साजिश की आशंका

प्रदर्शन में शामिल हुए पूर्व मंत्री मोहन मरकाम (Mohan Markam) ने इस घटना को राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता जानबूझकर हमारे कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन तेज होगा।

आज मृतक हेमंत भोयर की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें मोहन मरकाम समेत तमाम कांग्रेस नेता और स्थानीय निवासी शामिल हुए।