रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों को वितरित किए गए अमानक पावर वीडर उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने जांच के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने इस संबंध में कृषि उत्पादन आयुक्त को पत्र लिखकर जांच समिति गठित करने और पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने को कहा है।

मिली जानकारी के अनुसार किसानों को 1.26 लाख रुपये प्रति यूनिट की दर से पावर वीडर मशीनें बेची गईं, जबकि इन्हीं मशीनों की बाजार कीमत मात्र 50 हजार रुपये है। यह भी आरोप है कि मशीनें चाइना मेड हैं और इनकी गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी है।
केंद्र की टेस्टिंग एजेंसी ने बताई खामियां
बताया जा रहा है कि ये पावर वीडर मशीनें राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा निर्धारित दरों पर खरीदी गई थीं। वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में तीन अलग-अलग केंद्रीय योजनाओं के तहत प्रदेशभर के किसानों को 4,500 से अधिक यूनिट्स वितरित किए गए। इस दौरान लगभग 73 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
हाल ही में इन उपकरणों को केंद्र सरकार की प्रमाणन एवं परीक्षण एजेंसी ने अमानक करार दिया है, जिससे इस पूरे प्रकरण पर सवाल उठने लगे हैं।
कृषि मंत्री ने जताई सख्ती
कृषि मंत्री नेताम ने साफ तौर पर कहा है कि मामले की हर पहलू से निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी या भ्रष्टाचार पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी।