रायपुर/बिलासपुर। सड़कों पर और सड़कों के किनारे त्यौहारी सीजन में सैकड़ों की संख्या में पंडाल और स्वागत द्वार लगाने से आमजन को हो रही दिक्कतों को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की युगलपीठ ने मुख्य सचिव और रायपुर नगर निगम के कमिश्नर से शपथ पत्र मांगा है। दरअसल शासन की तरफ से बताया गया है कि सभी कार्यवाहियां म्युनिसिपल कारपोरेशन द्वारा की जाती हैं। अब अगली सुनवाई 16 जून को होगी।

क्या है छत्तीसगढ़ शासन के आदेश..?

छत्तीसगढ़ शासन गृह (पुलिस) विभाग मंत्रालय ने 22 अप्रैल 2022 को सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के नाम से जारी आदेश में कहा है कि पूर्व में विविध, निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनीतिक, अन्य संगठनों अथवा संस्थाओं के द्वारा विभिन्न आयोजनों यथा धरना, जुलूस, रैली, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक आदि आयोजनों, जिसमें भीड़ आती हो, उसके लिए अनुमति ली जाती थी। परंतु विभिन्न संस्थाओं, संगठनों के द्वारा उपरोक्त आयोजन अब जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना ही आयोजित किया जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में एक ओर आम नागरिक के दैनिक कार्यों में बाधा पहुंचती है एवं व्यवसायिक गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं। वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था बिगड़ जाने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए शासन ने अनुमति लेना अनिवार्य कर अनुमति की शर्तें निर्धारित की थी।

दो साल में कोई अनुमति नहीं, फिर भी लगे सैकड़ों पंडाल

याचिकाकर्ता रायपुर निवासी नितिन सिंघवी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 2022 से लेकर 2024 तक गणेश और दुर्गा त्योहारों के दौरान ना तो कलेक्टर ने, और ना ही नगर पालिक निगम के दसों जोन ने कोई भी अनुमति सड़क पर या सड़क के किनारे पंडाल लगाने के लिए दी है, मगर विभिन्न आयोजनों में सैकड़ो की संख्या में पंडाल सड़कों पर लगे। याचिका की तरफ से कोर्ट में 100 से ज्यादा फोटोग्राफ प्रस्तुत किए गए हैं।

सड़कें सकरी और वाहन ज्यादा

सिंघवी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि छत्तीसगढ़ निर्माण के पश्चात राजधानी की कुछ ही सड़कें चौड़ी की गई हैं। परंतु चौड़ी की गई सड़कें और दूसरी सड़कें चौड़ी नहीं सकरी इसलिए हो गई हैं क्योंकि सड़कों के दोनों तरफ वाहन पार्किंग होने लगे हैं। छत्तीसगढ़ निर्माण के समय प्रदेश में एक लाख से कम वाहन थे जो अब 80 लाख हो गए हैं। लोगों के पास दुकानों और घरों में वाहनों को पार्क करने के लिए भी जगह नहीं है। ऐसे में मुख्य सड़क, कॉलोनी, मोहल्लो में पंडाल और स्वागत द्वार लगाने से आमजन को बहुत दिक्कतें पैदा होती है। पूरे वर्ष विभिन्न आयोजनों के लिए सड़कों पर कहीं पर भी पंडाल और स्वागत द्वार लगा कर लगाकर ट्रैफिक जाम किया जाता है। उन्होंने कहा कि रायपुर में ट्रैफिक इतना बढ़ गया है कि सड़कें पंडाल का दबाव नहीं सह सकती। ऐसे में पंडाल खुले स्थान या सार्वजनिक मैदानों पर ही लगाए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।