श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करते हुए बड़ा फैसला लिया है। हमले में 26 लोगों की मौत के बाद एहतियातन 48 रिसॉर्ट और कई प्रमुख पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

हिमालय की गोद में बसे कश्मीर के दूधपात्री, वेरीनाग, गुलमर्ग, सोनमर्ग और डल झील जैसे लोकप्रिय पर्यटन केंद्रों पर अब सामान्य पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। यह कदम सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी के बाद उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि घाटी में छिपे आतंकी स्लीपर सेल सक्रिय हो चुके हैं और आगे हमलों की साजिश रची जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, खुफिया इनपुट में दावा किया गया है कि टीआरएफ (The Resistance Front) आतंकी संगठन हमले के जवाब में बड़ी कार्रवाई की योजना बना रहा है। इसके चलते संवेदनशील इलाकों में विशेष पुलिस दस्ते और एंटी-फिदायीन टीमें तैनात कर दी गई हैं।

पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर

इस हमले का असर कश्मीर के हर क्षेत्र पर पड़ सकता है, लेकिन सबसे ज़्यादा नुकसान पर्यटन को हो सकता है। जो लोग वहां होटल खोलना, बिजनेस शुरू करना या फल का व्यापार करना चाहते थे, उनका भरोसा डगमगा सकता है। इससे कश्मीर की अर्थव्यवस्था, जो कई सालों की मेहनत के बाद थोड़ी ठीक हो रही थी, फिर से कमजोर हो सकती है। साथ ही कश्मीर के लोगों की कमाई पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।