हैदराबाद। तेलंगाना के निजामाबाद में एक जज ने मानवत की मिसाल पेश की है। इंसाफ पाने के लिए आए बुजुर्ग दंपति जब कोर्ट परिसर में जाने में असमर्थ हुए तो खुद जज साहब बाहर आ गए। उन्होंने सड़क पर खड़े-खड़े बुजुर्ग दंपति को इंसाफ दिया। उनके इस कदम की लोग तारीफ कर रहे हैं। बुजुर्ग दंपति पर उनकी बहू ने दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसमें दोनों बेकसूर निकले।

हालांकि यह घटना देश में अदालतों की खस्ताहाल बुनियादी ढांचे की पोल खोलती है। एक बुजुर्ग के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है कि वह कोर्ट पहुंच सके. या ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि इस स्थिति में कोर्ट उनके घर तक पहुंच जाए। एक तस्वीर में जज साहब कोर्ट के बाहर सड़क पर ही फैसले पर साइन करते दिखे। उस वक्त बुजुर्ग व्यक्ति ऑटो में ही बैठा था और उनकी पत्नी हाथ जोड़े जज के सामने खड़ी थीं।
जानिए क्या था मामला…
मामला निजामाबाद जिले के बोधन कस्बे का है। यहां की कोर्ट में बुजुर्ग पति-पत्नी कांतापु सयाम्मा और कांतापु नादपी गंगाराम एक केस में कोर्ट पहुंचे थे। वह ई-रिक्शा के जरिए कोर्ट गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दंपति को एक एक्सीडेंट में काफी चोट आईं थीं, जिससे वह चलने में असमर्थ थे। जब वह कोर्ट पहुंचे तो उनमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि अंदर तक जा सकें। इसकी जानकारी उनके केस की सुनवाई कर रहे जज एसम्पेल्ली साई शिवा को हुई।
बहू ने दर्ज कराया था दहेज उत्पीड़न का केस
जज एसम्पेल्ली साई शिवा को जब मालूम हुआ कि बुजुर्ग दंपति कोर्ट में आने में असमर्थ हैं, तो वह खुद चलकर उनके पास पहुंच गए। उन्होंने केस की सुनवाई की और दोनों को वहीं इंसाफ दिया। बुजुर्ग दंपत्ति पर साल 2021 में उनकी बहू ने दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। तेलंगाना पुलिस ने बहू की शिकायत पर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया था। इस केस की 30 बार सुनवाई हुई। 22 अप्रैल को इसका फैसला सुरक्षित रख दिया गया।
झूठे निकले बहू के आरोप
कोर्ट में पाया गया कि बहू द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं। जब दंपति इंसाफ पाने के लिए कोर्ट पहुंची तो वह हालत खराब होने की वजह से अंदर नहीं जा सके, जिसपर जज एसम्पेल्ली साई शिवा ने उन्हें बाहर आकर इस केस में न्याय दिया। मजिस्ट्रेट ने मौके पर ही मामले के विवरण की जांच की। दोनों पक्षों को सुनने और परिस्थितियों का आकलन करने के बाद उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि बुजुर्ग दंपत्ति की कोई गलती नहीं थी। इसके बाद उन्होंने मामले को खारिज कर दिया। जज के इस कदम की हर ओर तारीफ हो रही है।
JUDGE DISMISSES CASE AT THE RICKSHAW.
— Saurabh Shrotriya (@MrShrotriya) May 2, 2025
An elderly couple, too weak to walk, came to court in a rickshaw for a dowry case. Magistrate E Sai Shiva stepped out, heard both sides, found them innocent, and dismissed the case on the spot. pic.twitter.com/y1bKbbyisL