लखनऊ। लखनऊ हाईकोर्ट खंडपीठ ने सोमवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। खंडपीठ ने केंद्र सरकार को यह स्पष्ट किया कि वह मामले के निपटारे के लिए कोई समय सीमा नहीं दे पा रही है, इसलिए इस पर विचार करने का कोई औचित्य नहीं है।

इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर को अन्य वैकल्पिक कानूनों का सहारा लेने की बात कही। इस फैसले में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पहले 10 दिन के भीतर यह स्पष्टीकरण मांगा था कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या ब्रिटिश, लेकिन अब इस मामले पर आगे की कार्यवाही को रोकते हुए कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

0.21 अप्रैल की सुनवाई में कोर्ट ने मांगा था अपडेट

21 अप्रैल को हुई सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने केंद्र की ओर से स्थिति रिपोर्ट पेश की थी इस पर कोर्ट ने कहा था कि यह मामला राष्ट्रहित का है ऐसे मामलों में देरी नहीं चलेगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं? इसकी रिपोर्ट 10 दिन के अंदर पेश कीजिए। इस दौरान राहुल गांधी की ओर से कोई भी वकील पेश नहीं किया गया।

0.क्या है राहुल गांधी नागरिकता मामला

कर्नाटक के रहने वाले भाजपा नेता विग्नेश शिशिर ने याचिका दायर कर यह दावा किया था कि राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था।

विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की। याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि दोहरी नागरिकता रखने वाला व्यक्ति चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है।