दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में भर्ती एक मरीज को एक्सपायरी डेट पार कर चुकी डेक्सट्रोज (ग्लूकोज) की ड्रिप चढ़ा दी गई, जिससे मरीज के शरीर में जलन शुरू हो गई। मामला तब उजागर हुआ जब मरीज के परिजनों ने दवा की बोतल चेक की और पाया कि उसकी एक्सपायरी डेट फरवरी 2025 थी, जबकि उसे मार्च 2025 में उपयोग किया गया। इस घटना के बाद जिला चिकित्सा अधिकारी (डीएमओ) ने जांच के आदेश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, घटना रविवार रात की है। छावनी निवासी दीपक कुमार नामक युवक अपने रिश्तेदार से मिलने आया था, तभी अचानक चक्कर आने और शरीर में दर्द की शिकायत पर उसे सुपेला अस्पताल लाया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर मंजू राठौर ने मरीज को जनरल वार्ड में भर्ती कर डेक्सट्रोज की ड्रिप चढ़ाने के निर्देश दिए।

रात में ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने स्टोर से डिप निकालकर सीधे मरीज को चढ़ा दी। सुबह जब दीपक को शरीर में असहज जलन महसूस हुई तो उसने अपने जीजा अनिल सिंह को बताया। अनिल ने जब दवा की बोतल देखी तो पाया कि वह एक्सपायर हो चुकी है। जब इस बारे में नर्स से बात की गई तो पहले वह इंकार करती रही, लेकिन वीडियो और फोटो दिखाने पर गलती स्वीकार कर ली।

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉक्टर मंजू राठौर ने परिजन से कहा, “मरीज मरा तो नहीं ना, ऐसी गलती हो जाती है।” यह बयान भी अब विवाद का विषय बन गया है।

ड्रिप का बैच नंबर 1221910 था और यह दवा राज्य की मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन (CGMSC) द्वारा दुर्ग जिले को उपलब्ध कराई गई थी। सवाल यह उठता है कि मार्च 2022 में बनी और फरवरी 2025 में एक्सपायर होने वाली यह दवा मार्च के बाद भी स्टोर में क्यों थी और उसे बिना चेक किए मरीज को कैसे चढ़ा दिया गया।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीयाम सिंह का कहना है कि उनके संज्ञान में यह बात आई है। यह गंभीर मामला है। उनके अस्पताल के स्टोर में तीन लेयर जांच के बाद दवा पहुंचती है। अस्पताल में एक्सपायरी दवा कैसे पहुंची और नर्स ने उसे बिना चेक किए कैसे लगा दी, यह जांच का विषय है। जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।