0 मामले में पंजीयक सहित 7 के खिलाफ दर्ज है FIR
0 अब तक भूमाफिया सहित 3 आरोपी गिरफ्तार
0 आरोपी तहसीलदार, पटवारी और क्रशर संचालक फरार

बलरामपुर। सरगुजा कमिश्नर ने तहसीलदार और प्रभारी उप पंजीयक राजपुर यशवंत कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। यह मामला जमीन पहाड़ी कोरवा की जमीन की धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है और तहसीलदार पर आरोप है कि उन्होंने विशेष संरक्षित जनजाति वर्ग के संयुक्त खाते की जमीन धोखे से सामान्य वर्ग के व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री कर दी। इस मामले की SDM द्वारा की गई जांच में पटवारी और क्रशर संचालक सहित 7 लोग दोषी पाए गए हैं।

आत्महत्या के बाद मामला परवान चढ़ा

यह मामला बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक के ग्राम भेस्की का है, जहां के रहने वाले पहाड़ी कोरवा समुदाय के भइरा कोरवा ने बीते 22 अप्रैल को फांसी लगा ली थी।

दरअसल दिसंबर 2024 में भेस्की के पहाड़ी कोरवा परिवार के सदस्यों ने थाना राजपुर और पुलिस चौकी बरियों में शिकायत दर्ज कराई थी। उनके मुताबिक महिला जुआरो कोरवा पति भइरा कोरवा के नाम पर दर्ज संयुक्त खाते की जमीनों को पटवारी से सांठ-गांठ कर सामान्य वर्ग के व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री करा दी गई है। मामले की शिकायत कलेक्टर और SP बलरामपुर से भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

महतारी वंदन का लाभ दिलाने का झांसा देकर कराई रजिस्ट्री

इस मामले में जनवरी 2025 में भी लिखित शिकायत दी गई कि सामूहिक खाते की 6 एकड़ भूमि को धोखाधड़ी कर फर्जी रजिस्ट्री महेन्द्र कुमार गुप्ता निवासी गांधी चौक राजपुर और उदय शर्मा ग्राम परसागुडी, पटवारी हल्का नंबर 26 के वर्तमान पटवारी राहुल सिंह, विनोद अग्रवाल निवासी राजपुर, प्रवीण अग्रवाल निवासी राजपुर ने 14 लाख रुपए का चेक देकर रजिस्ट्री करा लिया गया।

बताया गया कि भू-माफिया ने महिला ज़ुआरो कोरवा को महतारी वंदन योजना का लाभ दिलाने का झांसा दिया और उसे राजपुर लाकर फर्जी बिक्रीनामा तैयार किया था। इस दौरान सम्मिलित खाते की 6 एकड़ की जमीन की रजिस्ट्री पर महिला के हस्ताक्षर करा लिए गए।

धमकियों से तंग आकर महिला के पति ने कर ली आत्महत्या

पहाड़ी कोरवा समुदाय के भईरा राम ने सामुदायिक भूमि विवाद और भूमाफिया की ओर से लगातार मिल रही धमकियों से तंग आकर 22 अप्रैल को अपने गोठान में फांसी लगा ली। मामले में सर्व आदिवासी समाज और पहाड़ी कोरवा समुदाय ने जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन और चक्काजाम की चेतावनी दी थी। इसके बाद पुलिस ने मामले में सक्रियता दिखाई।

क्रशर संचालकों की साजिश का शिकार हुए कोरवा

दरअसल, पहाड़ी कोरवा परिवार की उक्त जमीन के पास ही विनोद अग्रवाल और प्रवीण अग्रवाल का क्रशर प्लांट संचालित है। विनोद अग्रवाल और प्रवीण अग्रवाल ने ही पहाड़ी कोरवा की जमीन हथियाने की साजिश रची थी। प्रशासन ने मामला सामने आने के बाद क्रशर प्लांट को सील भी कर दिया है।

रजिस्ट्री में नियमों का हुआ उल्लंघन

इस मामले की जांच एसडीएम राजपुर द्वारा की गई और पाया गया कि तत्कालीन तहसीलदार और प्रभारी उप पंजीयक (सब रजिस्ट्रार) राजपुर यशवंत कुमार के द्वारा ग्राम भेस्की निवासी जुवारो कोरवा की जमीन को खरीददार शिवाराम के बीच पंजीकृत बिक्रीनामा बनाया गया। जबकि सह खातेदार की भूमि होने के कारण पंजीयक द्वारा संपत्ति अंतरण अधिनियम पर विचार-विमर्श किये बिना पंजीयन नहीं किया जा सकता है।

चूंकि पहाड़ी कोरवा विशेष जनजाति समुदाय का व्यक्ति है और कलेक्टर सरगुजा के आदेश के द्वारा पहाड़ी कोरवा, पंडो, मझवार और मांझी जनजाति की भूमि सक्षम अधिकारी के पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना खरीदी-बिक्री नहीं की जा सकती। इस प्रकार जुवारो की जमीन को खरीददार और अन्य के साथ मिलकर संयुक्त खाते की भूमि को छलपूर्वक और धोखाधड़ी कर संगठित अपराध किया गया है।

कमिश्नर ने किया निलंबित

तत्कालीन प्रभारी उप पंजीयक यशवंत कुमार के द्वारा कलेक्टर सरगुजा के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन किया गया, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के खिलाफ पाया गया है। इसे देखते हुए सरगुजा कमिश्नर नरेन्द्र कुमार दुग्गा के द्वारा तत्कालीन तहसीलदार और प्रभारी उप पंजीयक यशवंत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही उनका मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर सूरजपुर, जिला सूरजपुर नीयत किया गया है।

इस मामले में तहसीलदार पर कार्रवाई के साथ ही कोरवा आदिवासी की जमीन का बिक्रीनामा भी निरस्त भी कर दिया गया है।

0 फरार तहसीलदार यशवंत कुमार और पटवारी राहुल सिंह

पुलिस ने 7 के खिलाफ दर्ज की है FIR

पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद शिवाराम, विनोद अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, महेन्द्र गुप्ता, उदय शर्मा, पटवारी राहुल सिंह, तहसीलदार यशवंत कुमार के खिलाफ धारा 3(5), 318(4), 336(3), 338, 340(2) BNS के तहत अपराध दर्ज किया है।

जमीन खरीददार सहित 3 गिरफ्तार

आदिवासी समुदाय के प्रदर्शन के बाद पुलिस एक्शन मोड में आई और कार्रवाई करते हुए भूमि क्रेता शिवा राम और भू-माफिया उदय शर्मा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय से इन्हे रामानुजगंज जेल भेज दिया था। वहीं इस मामले में नामजद महिला भू-माफिया कमला देवी पति प्रेम साय नगेसिया को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस मामले में मुख्य आरोपी क्रशर संचालक विनोद अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल सहित तहसीलदार यशवंत कुमार और पटवारी राहुल सिंह अब तक फरार बताए गए हैं। बता दें कि यशवंत कुमार वर्तमान में बतौर तहसीलदार जिला बलौदाबाजार- भाटापारा में पदस्थ है। फ़िलहाल वे निलंबित हैं और पुलिस उनकी खोजबीन में जुटी हुई है।

फर्जी रजिस्ट्री के और भी हैं मामले

कोरवा आदिवासी की आत्महत्या के बाद प्रदर्शन के दौरान ज्ञापन में मांग की गई कि ग्राम भेस्की, बरियों, बघिमा, घोरघडी, डिगनगर में संचालित सभी क्रेशर की जांच की जाए। विनोद अग्रवाल द्वारा ग्राम भेस्की की सोमर साय, चमार साय, गोंडन, भोला बैगा, कुबेर, कमला देवी, भिखारी राम, कुंवर साय व अन्य आदिवासियों के नाम की जमीनों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा ली है, उन्हें भी निरस्त किया जाए। साथ ही यह भी मांग की गई कि फर्जी रजिस्ट्री कराने में संलिप्त दलालों/ व्यक्तियों के विरुद्ध केसेज दर्ज किया जाये।