बिलासपुर। करोड़ों के कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी मनोज सोनी को ED और EOW केस में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। मनोज सोनी मार्कफेड के तत्कालीन एमडी रहे हैं। प्रदेश में हुए 140 करोड़ रुपए कस्टम मिलिंग घोटाले को लेकर पहले ईडी फिर ईओडब्लू ने एफआईआर दर्ज की थी।

तत्कालीन एमडी मनोज सोनी बीते एक साल से केंद्रीय कारागार रायपुर में बंद हैं। हाईकोर्ट में मनोज सोनी की जमानत याचिका पर बीते 13,14 और 15 अप्रैल को जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट में लगातार सुनवाई हुई थी और 15 अप्रैल को जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।

इस मामले में हाईकोर्ट ने अपने आदेश में मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी ईडी और ईओडब्लू के दोनों प्रकरणों में जमानत दे दी है। वर्ष 2022-23 में कस्टम मिलिंग के एवज में राइस मिलरों से प्रति क्विंटल 20 रुपए कमीशन लेने के आरोप हैं। मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी ने विपणन अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा के माध्यम से रोशन चन्द्राकर को निर्देश दिया था कि केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिनकी वसूली की राशि रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है। आयकर विभाग ने तब छापे की कार्रवाई के दौरान एक करोड़ छह लाख रुपए नकदी सहित लेन-देन के दस्तावेज सहित डिजिटल डिवाइस जब्त किया था। इस तरह कस्टम मिलिंग के माध्यम से राइस मिलरों से 140 करोड़ रुपए वसूली करने के आरोप हैं।