नई दिल्ली। भारत सरकार के गृह मंत्रालय (MHA) ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए देश के सभी टीवी और डिजिटल मीडिया चैनलों को चेतावनी दी है कि वे अपनी रिपोर्टिंग, डिबेट या विजुअल पैकेज में सिविल डिफेंस एयर रेड सायरन की आवाज का गैरजरूरी इस्तेमाल न करें।

दहशत और भ्रम पैदा करते हैं ऐसे ध्वनि
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इन सायरन साउंड्स का उपयोग केवल समुदाय जागरूकता अभियानों के लिए किया जाना चाहिए। अन्यथा इन ध्वनियों का इस्तेमाल जनता में अनावश्यक दहशत और भ्रम पैदा कर सकता है, खासकर वर्तमान भारत-पाक तनावपूर्ण हालात के बीच।
कार्रवाई की दी चेतावनी
गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि कोई चैनल या मीडिया प्लेटफॉर्म निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

मंत्रालय ने दी यह सलाह
जिम्मेदार रिपोर्टिंग करें : भ्रामक साउंड इफेक्ट्स या ग्राफिक्स से बचें। सटीक और आधिकारिक जानकारी के साथ जनता को जागरूक करें.
मौजूदा संवेदनशील माहौल में मीडिया की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। भय फैलाने के बजाय शांति और जागरूकता का माध्यम बनें।
रक्षा मंत्रालय ने भी जारी की है एडवाइजरी
लाइव कवरेज देने में सावधानी बरतें : रक्षा मंत्रालय ने लाइव कवरेज और रियल टाइम रिपोर्टिंग के दौरान संवेदनशील जानकारी साझा न करने की सलाह दी है।
रक्षा मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (संशोधन) नियम 2021 के तहत यह आदेश जारी किया है। रक्षा मंत्रालय ने एक्स पर लिखा है कि, “सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और यूजर्स को सलाह दी जाकी है कि लाइव कवरेज या रियल टाइम रिपोर्टिंग के दौरान रक्षा ऑपरेशन और सेना के काफिले की मूवमेंट साझा न करें।”
पहले भी हुई थी गलती
रक्षा मंत्रालय ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि, “इस तरह की संवेदनशील और ऑपरेशनल जानकारी साझा करने से खतरा उत्पन्न हो सकता है। इससे ऑपरेशन पर बुरा असर पड़ेगा। पहले भी कारगिल युद्ध, 26/11 आतंकी हमले और कांधार हाईजैक के दौरान ऐसी रिपोर्टिंग से देश को नुकसान हुआ है।”
प्रेस ब्रीफिंग में दी गई जानकारी ही दिखाएं
गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि, केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (संशोधन) नियम 2021 के तहत अधिकारी प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जो भी जानकारी साझा करेंगे, सिर्फ उन्हीं को दिखाने की इजाजत होगी। सभी से अपील है कि लाइव कवरेज के दौरान संवेदनशील जानकारी बिल्कुल न शेयर करें।