टीआरपी डेस्क। भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर है। पाकिस्तान की ओर से लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले किए जा रहे हैं, जिसका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक और निर्णायक फैसला लेते हुए स्पष्ट किया है कि अब भविष्य में भारत पर होने वाला कोई भी आतंकी हमला, ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा और उसी स्तर पर उसका जवाब भी दिया जाएगा।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हाईलेवल बैठक
नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में लगातार सुरक्षा को लेकर उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है। शनिवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर अहम बैठक हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, CDS और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, आतंकी हमलों और सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हुए सेना को पूरी छूट दी गई है।
पाकिस्तान घबराया, तनाव घटाने की गुहार
भारतीय सेना की आक्रामक कार्रवाई से पाकिस्तान पूरी तरह पस्त और घबराया हुआ नजर आ रहा है। भारतीय हमलों ने उसकी सैन्य क्षमताओं और मनोबल को झटका दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत के बाद एक बयान में कहा, “अगर भारत आगे के हमले रोक देता है, तो पाकिस्तान भी तनाव घटाने पर विचार करेगा। लेकिन अगर भारत ने कोई और हमला किया, तो हम भी जवाब देने के लिए मजबूर होंगे।”
भारत ने दिखाया साफ इरादा
मोदी सरकार का यह रुख साफ दर्शाता है कि अब भारत रक्षात्मक नहीं, निर्णायक रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। सीमा पार से आने वाला हर खतरा, अब सीधे राष्ट्र की संप्रभुता पर हमला माना जाएगा और उसी स्तर की जवाबी कार्रवाई होगी।