रायपुर। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम के बाद भी पाकिस्तान द्वारा लगातार सीजफायर उल्लंघन किए जाने पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को इस पूरे घटनाक्रम पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा को राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए अपमानजनक करार दिया है।

बघेल ने कहा, अगर दोनों देशों की सरकारों ने आपसी सहमति से सीजफायर का फैसला लिया है, तो इसकी घोषणा भी उन्हीं को करनी चाहिए थी। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसकी सूचना अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा दी गई। यह भारत जैसे संप्रभु राष्ट्र के लिए एक अपमान है।
उन्होंने कहा कि 1971 में इंदिरा गांधी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत की संप्रभुता में किसी तीसरे देश की दखल मंजूर नहीं है। मध्यस्थता की बात अलग है, लेकिन ट्रंप खुद को पंच बनाकर सामने आए हैं, यह स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस ने मांगा विशेष सत्र
भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि देश को बताया जा सके कि ऐसी परिस्थितियां कैसे बनीं कि अमेरिका को हस्तक्षेप करने का मौका मिला। “हम सरकार के निर्णयों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन देश को सच जानने का अधिकार है। यदि युद्ध रुकता है, तो कांग्रेस इसका समर्थन करती है।”
चुनाव आते ही बांग्लादेश-पाकिस्तान याद आ जाते हैं
बघेल ने आरोप लगाया कि जैसे ही चुनाव नज़दीक आते हैं, केंद्र सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठिए और पाकिस्तान की याद आने लगती है। उन्होंने कहा, “बिहार में एनडीए की सरकार है, वहां कोई बांग्लादेशी मुद्दा नहीं उठाया गया। बंगाल में चुनाव आ रहे हैं, तो अब बांग्लादेशी घुसपैठ की बातें तेज़ हो रही हैं।”
उन्होंने विशेष टीम गठित किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा, पिछले अभियानों में कितनों को चिन्हित किया गया और कितनों को बाहर निकाला गया? पुलिस रात-रात भर घरों में जाकर अभियान चला रही थी, उसका क्या नतीजा निकला?