रायपुर। नया रायपुर में स्थित कलिंगा विश्वविद्यालय एक प्रतिष्ठित संस्थान है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता और शोध एवं नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, विश्वविद्यालय पिछले 3 वर्षों से लगातार एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार देश के शीर्ष 101-150 संस्थानों में स्थान बना रहा है।

उच्च शिक्षा संस्थान पुरस्कार उच्च शिक्षा में नेतृत्वकर्ता/शिक्षक के रूप में अपनी उपलब्धियों के लिए व्यक्तियों को सम्मानित और सम्मानित करते हैं। कलिंगा विश्वविद्यालय ने हाल ही में सर्वश्रेष्ठ उच्च शिक्षा शिक्षक पुरस्कार 2025 का आयोजन किया, जो छत्तीसगढ़ भर में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के अनुकरणीय योगदान को मान्यता देने की एक पहल है। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का उद्देश्य शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों में नवाचार, समर्पण और उत्कृष्टता को मान्यता देना था। सरकारी कॉलेजों, निजी कॉलेजों, राज्य और केंद्र सरकार के विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों से नामांकन प्राप्त हुए। पैनल को कुल मिलाकर 200 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए।

कार्यक्रम का शुभारम्भ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह से हुआ, जो ज्ञान और आत्मज्ञान का प्रतीक है। प्रतिभागियों का पारंपरिक तिलक और गुलाब के साथ स्वागत किया गया। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने स्वागत भाषण दिया और एक आकर्षक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से विश्वविद्यालय पर बहुमूल्य जानकारी साझा की। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में उन्नत शिक्षण कौशल’ विषय पर एक सत्र के माध्यम से अपना दृष्टिकोण साझा किया। डॉ. सुनयना शुक्ला, उप प्रबंधक, कैरियर और कॉर्पोरेट संसाधन केंद्र (सीसीआरसी) ने भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर एक सत्र लिया।

25000 रुपये का प्रथम पुरस्कार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), रायपुर में कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दिलीप सिंह सिसोदिया को दिया गया। 15000 रुपये का दूसरा पुरस्कार डॉ. प्याली चटर्जी, एसोसिएट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, विधि संकाय, आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, रायपुर को दिया गया। डॉ. शैलेश एम. देशमुख, एसोसिएट प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, मैट्स विश्वविद्यालय, रायपुर को स्मृति चिन्ह के साथ 10,000 रुपये का तीसरा पुरस्कार प्रदान किया गया।

‘‘श्रेष्ठता योग्य शिक्षक’ पुरस्कार से पांच प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया – डॉ. ज्योति वर्मा, सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर, डॉ. मनीष वर्मा, प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, श्री दावरा विश्वविद्यालय, नया रायपुर, क्रांति कुमार देवांगन, विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग, एमिटी यूनिवर्सिटी, रायपुर, डॉ. श्रद्धा नेटी, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, पशु चिकित्सा औषध विज्ञान एवं विष विज्ञान विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, दुर्ग और डॉ. किरण बाला पटेल, प्रिंसिपल, गीतांजलि टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल को 5,000/- रुपये प्रत्येक से सम्मानित किया गया।

अन्य सभी प्रतिभागियों को उनकी अब तक की शिक्षण यात्रा की सराहना के लिए स्मृति चिन्ह के साथ-साथ भागीदारी प्रमाण पत्र भी दिए गए। मूल्यांकन के मापदंड थे – राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पेपर प्रस्तुति, प्रकाशित शोध पत्र, स्वयं/एनपीटीईएल पाठ्यक्रम का समापन, कार्यकाल के दौरान पेटेंट प्रकाशन, प्रकाशित पुस्तकें, अनुसंधान अनुदान और वित्त पोषित परियोजना प्रकाशन तथा सरकार या सरकारी मान्यता प्राप्त निकायों द्वारा शैक्षणिक/अनुसंधान पुरस्कार की प्राप्ति।

निर्णायक मंडल के सदस्य थे डॉ. राहुल मिश्रा, डीन अकादमिक मामले और परीक्षा नियंत्रक, डॉ. विजयलक्ष्मी बिरादर, निदेशक- आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) और डॉ. आर. उदय कुमार, निदेशक- बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ (आईपीआर)। इस पहल के माध्यम से, कलिंगा विश्वविद्यालय ने पूरे भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के अनुकरणीय योगदान को मान्यता दी।

इस कार्यक्रम का आयोजन और क्रियान्वयन कलिंगा विश्वविद्यालय के मार्केटिंग विभाग द्वारा किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रवेश निदेशक अभिषेक शर्मा ने की। जे विशाल, नैना, सिमरन, जगदीश, प्रांजल, दिव्या, आकांक्षा दुबे और रुद्राणी आचार्य ने कार्यक्रम का सफल संचालन सुनिश्चित किया। समारोह की मुख्य अतिथि वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय की सहायक प्रोफेसर डॉ. दीप्ति पटनायक और डॉ. निष्ठा शर्मा रहीं। कार्यक्रम का समापन बीबीए चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा रुद्राणी आचार्य के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।