टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बार फिर नक्सलियों की बर्बरता सामने आई है। मारूडबाका थाना क्षेत्र के उसूर गांव निवासी नागा भंडारी की अज्ञात नक्सलियों ने निर्मम हत्या कर दी। नागा अपने पैतृक गांव में पारंपरिक पूजा समारोह में शामिल होने गया था, लेकिन लिंगापुर के पास पहले से घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उस पर हमला कर उसकी जान ले ली।

इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। हैरानी की बात यह है कि नागा के बड़े भाई तिरुपति भंडारी की भी ठीक एक साल पहले इसी इलाके में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। एक ही परिवार के दो सदस्यों की लगातार हत्या ने न केवल लोगों को सदमे में डाल दिया है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह हत्या उस स्थान के नजदीक हुई है, जहां वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कर्रेगुट्टा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद नक्सली इस प्रकार वारदात को अंजाम देने में सफल हो रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि नक्सलियों की जड़ें अभी भी मजबूत हैं और उन्हें समाप्त करने के लिए और अधिक संगठित और कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। लगातार हो रही नक्सली वारदातों ने आम नागरिकों के मन में भय पैदा कर दिया है और सरकार के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सुरक्षा तंत्र वास्तव में प्रभावी है?
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस और निर्णायक कदम उठाती हैं। फिलहाल, नागा भंडारी की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नक्सली हिंसा थमी नहीं है और इससे निपटने के लिए एक समग्र और प्रभावी रणनीति की सख्त जरूरत है।