रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार अब नगर निगमों में प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के नाम पर राज्य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारियों को तैनात करने जा रही है। रायपुर नगर निगम के दस जोनों में यह बदलाव इसी महीने देखने को मिल सकता है। पहली नजर में यह एक स्वागत योग्य कदम लगता है जहां अनुभवी प्रशासनिक अफसर जनता से जुड़े कामों में बेहतर कार्यान्वयन करा सकते हैं।

लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम वास्तव में सुशासन को मजबूत करेगा या फिर निगम के पुराने सेटअप में एक नई तरह की खींचतान की शुरुआत करेगा?
वर्तमान में जोन कमिश्नरों के रूप में नगरपालिका सेवा के अधिकारी काम कर रहे हैं, जिनका ग्रेड पे और रैंक कार्यपालन अभियंताओं से भी नीचे है। ऐसे में जब डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसर इन पदों पर बैठेंगे, तो प्रशासनिक संतुलन और अधिकारों का टकराव स्वाभाविक होगा।
बता दें कि राज्य सरकार ने नगर निगमों में प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर निगमों में अब राज्य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। रायपुर निगम के 10 जोन कमिश्नरी में इस माह के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी हो सकती है। बताया जा रहा है कि केवल रायपुर नगर निगम में ही लगभग 15 अधिकारी नियुक्त किए जा सकते हैं।
यह प्रक्रिया पहले भी शुरू हुई थी, जब ओपी चौधरी नगर निगम आयुक्त थे। उस समय तारनप्रकाश सिन्हा और पुलक भट्टाचार्य जैसे अधिकारियों की नियुक्ति हुई थी। बाद में अरविंद शर्मा उपायुक्त (राजस्व) के रूप में कार्यरत रहे। वर्तमान में यूएस अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता और डॉ. अंजलि शर्मा निगम में कार्यरत हैं।
ग्रेड पे और पदों में असमानता का समाधान
फिलहाल जोन कमिश्नर के रूप में नगरपालिका सेवा के क्लास-2 रैंक अधिकारी कार्यरत हैं, जबकि उनके अधीनस्थ कार्यपालन अभियंता क्लास-1 रैंक के हैं, जिनका ग्रेड पे अधिक है। इससे पदों में असंतुलन की स्थिति बनी हुई है। प्रस्तावित बदलाव के बाद डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी जोन कमिश्नर बनेंगे, जिन्हें तैनाती के साथ ही ग्रेड पे संतुलन के लिए प्रमोशन देना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था में भी बदलाव संभव
स्वास्थ्य एवं सफाई अधिकारी के पद पर निगम के सेटअप में एमबीबीएस या आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी का प्रावधान है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से इस पद पर होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। रायपुर नगर निगम में फिलहाल डॉ. तृप्ति पाणिग्रही और डॉ. दिव्या चंद्रवंशी इस पद पर कार्यरत हैं। इसे लेकर संचालनालय में चर्चा चल रही है और विशेषज्ञ सैनेटरी एक्सपर्ट की नियुक्ति की मांग भी उठ रही है।
काम प्रभावित होने की पुष्टि
नगरीय प्रशासन संचालनालय ने अवर सचिव को भेजे पत्र में स्वीकार किया है कि वर्तमान में नगरपालिका सेवा अधिकारियों की नियुक्ति से निगमों का कार्य प्रभावित हो रहा है। अपर आयुक्त, उपायुक्त और जोन आयुक्त के पदों पर इनकी प्रतिनियुक्ति से नगर पालिकाओं और पंचायतों में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों की नियुक्ति बाधित हो रही है।
25 प्रशासनिक अधिकारियों की मांग
नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव की समीक्षा बैठक के बाद, संचालनालय ने राज्य प्रशासनिक सेवा से 25 अधिकारियों की मांग की है। ये अधिकारी अपर आयुक्त, उपायुक्त और जोन कमिश्नर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किए जाएंगे। प्रशासनिक दृष्टिकोण से इसे जरूरी कदम बताया गया है।