0 जारी है शिक्षकों का नेटवर्क मार्केटिंग का बिजनेस , ड्यूटी छोड़, कर रहे हैं प्रोडक्ट का प्रचार–प्रसार

0 मोटू-पतलु बिजनेस के नाम पर चर्चित है हर्बल लाइफ
सारंगढ़ बिलाईगढ़। हर्बल लाइफ के बिजनेस से मोटी कमाई के चलते प्रदेश में जहां एक ओर कई शिक्षक नौकरी से त्यागपत्र दे चुके हैं, वहीं शिक्षा विभाग पढ़ाई छोड़ नेटवर्क मार्केटिंग के काम में जुटे ऐसे शिक्षकों को निलंबित भी कर रहा है। सारंगढ़ जिले में ऐसे ही एक शिक्षक को निलंबित कर दिया जिसने हर्बल लाइफ का काम करने के लिए अपने बदले स्कूल में किराए का एक टीचर भी रख लिया था।
क्या लिखा है शिक्षक के निलंबन आदेश में
जिला सारंगढ़–बिलाईगढ़ के DEO एल पी पटेल ने निलंबन आदेश में उल्लेख किया है कि “सुनील कुमार बंजारे, सहा. शि. एल. बी. शासकीय प्राथमिक शाला अमझर, वि.ख. सारंगढ़ के विरूद्ध नेटवर्किंग मार्केटिंग से संबद्ध होकर शिक्षा कार्य मे लापरवाही बरतने की सूचना / शिकायत की जांच कराई गयी | तत्संबंध मे इस कार्यालय को प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर सुनील कुमार बंजारे, सहा.शि. एल.बी. हर्बल लाईफ जैसे कम्पनी के प्रचार-प्रसार के लिए विदेश जाते हैं, निर्धारित विद्यालय समय का पालन नही करते हैं, अपने पदीय कर्तव्यो निर्वहन के लिए बाहरी व्यक्ति को विद्यालय मे रखकर 2000 रू0 मासिक भुगतान करते हैं, कम्पनी द्वारा आयोजित ऑन लाईन मीटिंग मे जुड़ते है तथा सत्र 2024-25 मे अनाधिकृत रूप से कुल 25 दिनों का आकस्मिक अवकाश एवं कुल 5 दिनों का एच्छिक अवकाश उपस्थिति पंजी मे दर्ज किया गया है, उक्त सभी तथ्यों की पुष्टि होना पाया गया है। श्री बंजारे का उक्त कृत्य छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 एवं नियम 16 के विपरीत है तथा शासकीय सेवा शर्तों के प्रति लापरवाही व अनुशासहीनता को प्रदर्शित करता है।
सुनील कुमार बंजारे सहा. शि. एल.बी. शास. प्राथमिक शाला अमझर वि.ख. सारंगढ़, जिला – सारंगढ़- बिलाईगढ़ को उक्त कृत्य हेतु छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के उपनियम 9 (1) (क) के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उक्त अवधि मे उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सारंगढ़ नियत किया जाता है। निलम्बन अवधि मे इन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाहन भत्ते की पात्रता होगी।”
इस तरह शिक्षकीय कार्य को छोड़कर नेटवर्किंग बिजनेस में लगे एक और शिक्षक को निलंबित कर दिया गया।

मंगाई गई ऐसे शिक्षकों की कुंडली
प्रदेश भर में ऐसे शासकीय शिक्षकों की हाईटेक लाइफ और शिक्षकों के इस्तीफे व लिखे गए पत्र को लेकर अब शिक्षा विभाग हरकत में आया है। बिलासपुर के संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए नेटवर्किंग मार्केटिंग व निजी कंपनी के प्रचार और बिजनेस में लगे शिक्षकों की कुंडली मंगाई है। इसके लिए संभागभर के सभी डीईओ को पत्र जारी करते हुए जांच कर प्रारूप के साथ जानकारी उपलब्ध कराने कहा गया है।

‘मालिक माइंडसेट’ के लिए छोड़ रहे नौकरी
दरअसल, शिक्षा विभाग को ड्यूटी छोड़कर शिक्षकों के नेटवर्क मार्केटिंग व निजी कंपनियों से जुड़ने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इनमें कुछ शिक्षकों ने रिजाइन भी दे दिया है। रिजाइन देते हुए ऐसे शिक्षकों ने ‘नौकर माइंडसेट’ के साथ काम न करने व आगे ‘मालिक माइंडसेट’ के साथ काम करने का पत्र में जिक्र किया है। इस पत्र के बाद बताया जा रहा है, संभागभर के कई शिक्षकों ने रिजाइन की पेशकश की है। इसमें लोरमी, मरवाही, सारंगढ़, बरमकेला के शिक्षकों का त्यागपत्र शामिल है, जो शिक्षकों और विभाग के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
मोटु – पतलु बिजनेस..!
शिक्षक जगत में हर्बल लाइफ के बिजनेस को मोटु – पतलु बिजनेस के नाम से जाना जाता है। दरअसल हर्बल लाइफ का मुख्य प्रोडक्ट मोटे और पतले होने का है। मजे की बात यह है कि इन दोनों के लिए एक ही पाउडर लोगों को खाने को दिया जाता है। जिनको पतला होना होता है उन्हें पाउडर के अलावा कोई भी खाद्य पदार्थ खाने को मना किया जाता है, वहीं जिन्हें मोटा होना होता हो, उन्हें पाउडर के साथ भरपूर भोजन करने को कहा जाता है। ऐसे में इनका मोटा होना स्वाभाविक है।
शिक्षकों का एक वर्ग इससे खासा नाराज भी बताया जा रहा है। हालांकि, इन सबके बीच सबसे बड़ी चुनौती शिक्षा विभाग के सामने खड़ी हो गई है। ऐसे शिक्षकों के रवैए से शिक्षा व्यवस्था कटघरे में आ गई है। लिहाजा शिक्षा विभाग अब इन मामलों को लेकर हरकत में आया है। संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग ने समस्त डीईओ को पत्र जारी कर ऐसे शिक्षकों की कुंडली मंगाई है।

जेडी ने पत्र में कहा है कि, ऐसे शिक्षक जो अध्ययन अध्यापन छोड़कर नेटवर्क मार्केटिंग और हर्बल लाइफ से जुड़कर प्रचार प्रसार में जुटे हैं। शाला अवधि में नेटवर्क मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग व छात्रों से मदद ले रहे हैं। बिना अनुमति व सूचना के सेमिनार में भाग ले रहे हैं। देश व विदेश यात्रा में शामिल हो रहे हैं। जिले के अंतर्गत कार्यरत तमाम ऐसे शिक्षकों की जांच की जाए और प्रमाण सहित प्रारूप में जानकारी उपलब्ध कराई जाए। संयुक्त संचालक ने बताया कि, जानकारी प्राप्त होने के बाद ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बताते चलें कि, मार्केटिंग से जुड़े ऐसे ही शिक्षक ज्ञान सिंह, शशि बैरागी, रघुराम पैंकरा सहित अन्य शिक्षकों के हाईटेक लाइफ, महंगी गाड़ियां व विदेश भ्रमण की चर्चा जोरों पर हैं। सोशल मीडिया पर इनके हाईटेक लाइफ की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। इतना ही नहीं इनके त्यागपत्र में जिस तरह आपत्तिजक बातों का उल्लेख किया गया है, उसके बाद से इन शिक्षकों की कार्यप्रणाली कटघरे में है। जरा एक नजर शिक्षक ज्ञान सिंह द्वारा लिखे गए त्याग पत्र पर :
