कोरबा। जिले के कटघोरा वनमंडल के मुड़ाली गांव में एक दुर्लभ एशियन पाम सिवेट (एशियन ताड़ कस्तूरी बिलाव) और उसके पांच बच्चों को वन विभाग और नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी की संयुक्त टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया। सिवेट मां अपने बच्चों के साथ गांव के एक घर की धान की कोठी में रह रही थी। जैकाल की तरह नजर आने वाले इस दुर्लभ जानवर को देखकर सहसा लोग डर जाते है।

कटघोरा वनमण्डल अंतर्गत आने वाले हरदी बाज़ार क्षेत्र के मुड़ाली गांव में दुर्लभ प्रजाति की एशियन पाम सिवेट और उसके 5 बच्चे मिले। गांव वालों के लिए यह डर और आश्चर्य का नजारा था। इसकी सूचना घर के मालिक केशव जायसवाल द्वारा वन विभाग को दी गई। वन विभाग एवं नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी की संयुक्त टीम सुनियोजित और सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए घटना स्थल पहुंची।

बड़ी ही सावधानी से किया रेस्क्यू

इसकी सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और पूरी सावधानी एवं मानवीय दृष्टिकोण के साथ सिवेट माता एवं उसके बच्चों को सुरक्षित तरीके से पकड़ा। यह कार्य अत्यंत संवेदनशीलता एवं विशेषज्ञता के साथ संपन्न किया गया ताकि जानवरों को कोई तनाव या हानि न हो।

रेस्क्यू के उपरांत मां सिवेट एवं उसके 5 बच्चों को निकटवर्ती सुरक्षित वन क्षेत्र में पुनः प्राकृतिक वातावरण में छोड़ दिया गया, जिससे वे अपने स्वाभाविक आवास में स्वतंत्र रूप से जीवन यापन कर सकें।

रेस्क्यू टीम की हुई सराहना

वन विभाग एवं नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी के इस समन्वित प्रयास की स्थानीय ग्रामीणों, पर्यावरण प्रेमियों तथा वन्यजीव संरक्षण से जुड़े संगठनों द्वारा सराहना की जा रही है। इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन ने न केवल एक प्रजाति की रक्षा की, बल्कि भविष्य में ऐसे प्रयासों को प्रेरणा देने वाला कार्य भी किया है।

इस रेस्क्यू कार्य में नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष एम. सूरज के नेतृत्व में जितेन्द्र सारथी, मयंक बागची एवं बबलू मारुवा, रेंजर अशोक मान्यवर, डिप्टी सुखदेव सिंह मरकाम, महेंद्र देवेंगन, केशव जायसवाल ने सक्रिय रूप से भाग लिया।