0 नई नीति से सरकार को 3000 करोड़ राजस्व की उम्मीद

NEW LIQUOR POLICY IN JHARKHAND : झारखंड सरकार ने एक बार फिर शराब के लिए नई उत्पाद नीति बनाई है। इसके तहत राज्य में अब खुदरा शराब की बिक्री निजी हाथों में होगी, जबकि होलसेल वितरण की जिम्मेदारी झारखंड राज्य उत्पाद निगम (JSBCL) के पास रहेगी। कहा जा रहा है कि यह नीतिगत बदलाव राज्य की शराब व्यवस्था को और व्यवस्थित करने में मदद करेगा।

सरकार को उम्मीद है कि नई उत्पाद नीति से राज्य को करीब 3000 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा। नई उत्पादन नीति में निजी दुकानदारों को 12 प्रतिशत का मार्जिन मिलेगा जो पहले 10 प्रतिशत था।

लॉटरी से होगा शराब दुकानों का चयन

राज्य मंत्रिपरिषद के निर्णय की जानकारी देते हुए उत्पाद आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि राज्य में शराब बिक्री करने वाली 1453 दुकानों को निजी लोगों को दिया जाएगा। नई उत्पाद नीति के तहत राज्य में थोक शराब बिक्री का अधिकार झारखंड स्टेट बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के पास ही रहेगा, लेकिन रिटेल में बिक्री के लिए प्राइवेट लोगों को मौका मिलेगा।

दुकानों की लिमिट हुई तय

नई उत्पाद नीति में दुकानों का आवंटन लाटरी से होगा। लेकिन एक व्यक्ति पूरे राज्य में अधिकतम 36 दुकानें ही ले पाएगा। एक व्यक्ति को जिले में अधिकतम चार समूह मिल सकते हैं और वह चार से अधिक जिलों में दुकान नहीं ले सकता। उत्पाद आयुक्त ने कहा कि जुलाई से पहले निजी क्षेत्र में दुकानों को देने का काम पूरा कर लिए जाने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ मॉडल रही विवादों में

गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले कार्यकाल में दो बार शराब नीति बनाई थी, लेकिन दोनों ही शराब नीति उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई। छत्तीसगढ़ मॉडल पर लाई गई पिछली शराब नीति काफी विवादों में रही और सरकार को राजस्व प्राप्ति की जो उम्मीद थी, वह संग्रह नहीं हो सका। ऐसे में नई शराब नीति में जहां होलसेल जेएसबीसीएल को पूर्व की तरह सरकार ने कंट्रोलिंग पावर बनाकर रखा है, वहीं खुदरा बिक्री निजी हाथों में देकर राजस्व वसूली पर ध्यान केंद्रित किया है।

सलाहकार त्रिपाठी खा रहे जेल की हवा

इससे पहले राज्य सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ मॉडल पर मई 2022 में शराब की बिक्री शुरू की गई थी। इस मॉडल में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी को सलाहकार नियुक्त किया गया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ में पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान हुए शराब घोटाले में प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और तत्कालीन प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी सहित कई आरोपी जेल की हवा खा रहे हैं।

झारखण्ड में भी इसी तरह का घोटाला हुआ और उसकी भी जांच और गिरफ्तारियां चल रही हैं।

विपक्ष ने की आलोचना

सरकार के इस फैसले पर विपक्ष निशाना साधने में जुटी है। आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने सरकार की नई शराब नीति की आलोचना करते हुए कहा है कि गुरुजी शिबू सोरेन के विचारधारा के विपरीत वर्तमान सरकार राज्य में शराब नीति बनाई है। साथ ही पूर्व में जो छत्तीसगढ़ मॉडल पर शराब नीति बनाई गई और उसमें जो गड़बड़ियां हुई है, उसका क्या हुआ इस पर सरकार चीजों को स्पष्ट नहीं कर रही है.

‘पुरानी गलती को छिपाने के लिए नई शराब नीति’

राज्य में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार की नई शराब नीति पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ मॉडल पर सरकार ने शराब नीति बनाई तो उस समय जो खामियां बताई जा रही थी, उसे दूर नहीं की गई। जिसके फलस्वरूप कई तरह की गड़बड़ियां सामने आती रही हैं। ऐसे में नई शराब नीति कितनी सफल होगी, वह जब लागू होगा उसके बाद ही पता चलेगा। बहरहाल नई उत्पाद नीति के तहत सरकार राज्य में नए तरीके से शराब बेचने की तैयारी में जुट गई है। उम्मीद की जा रही है कि सारी प्रक्रिया अगले एक महीने में पूरी हो जाएगी।