टीआरपी डेस्क। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के लिए एक बहुदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने का फैसला किया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने समर्थन जताते हुए ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ बताया है, लेकिन साथ ही बीजेपी पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप भी लगाया है।

कांग्रेस ने जताई नाराज़गी, पर कहा- देश सर्वोपरि
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, हमने पहले ही सर्वदलीय बैठक की मांग की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए। मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र भी लिखा, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीजेपी एक ओर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एकता की बात करती है और दूसरी ओर उसका राजनीतिकरण कर रही है। फिर भी हमारे लिए देश पहले आता है।
निमंत्रण मिला तो कांग्रेस भी होगी शामिल
जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि अगर कांग्रेस को इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का निमंत्रण मिलता है, तो पार्टी अपने प्रतिनिधियों को नामित करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष से इस बाबत संपर्क किया है। कांग्रेस राष्ट्रहित में इस पहल का हिस्सा बनने को तैयार है।
राहुल गांधी ने की विशेष सत्र की मांग
इससे पहले कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर जैसे अहम मुद्दों पर संसद में खुली चर्चा की आवश्यकता बताई थी।
सांसदों का विदेशी दौरा: पाकिस्तान के खिलाफ समर्थन का प्रयास
केंद्र सरकार ने 22 मई से 10 दिनों के लिए 5 देशों अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और यूएई में 5-6 सांसदों के 8 समूहों को भेजने का निर्णय लिया है। ये सांसद संबंधित देशों की सरकारों से मिलकर आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति स्पष्ट करेंगे और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को वैश्विक समर्थन दिलाने का प्रयास करेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की गई थी। इस सैन्य अभियान में भारत ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसमें करीब 100 आतंकियों और 40 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर है।