टीआरपी डेस्क। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष मज़बूती से रखने के लिए एक सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। यह प्रतिनिधिमंडल 23 मई से 10 दिवसीय विदेश दौरे पर रवाना होगा, जिसमें लंदन, वाशिंगटन, प्रिटोरिया, अबू धाबी और टोक्यो जैसी प्रमुख राजधानियों में जाकर भारत की आतंकवाद पर “जीरो टॉलरेंस” नीति और हालिया घटनाओं की जानकारी देगा।

हालांकि इस पहल की सराहना के बीच, प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को शामिल किए जाने को लेकर राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि उसने जिन चार सांसदों के नाम सुझाए थे, उनमें से किसी को प्रतिनिधिमंडल में जगह नहीं दी गई।
कौन-कौन है प्रतिनिधिमंडल में?
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। उनके साथ शामिल अन्य सदस्य हैं:
- भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा
- जेडीयू सांसद संजय झा
- डीएमके सांसद कनिमोझी
- एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले
- शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे
कांग्रेस का विरोध: “हमारे सुझावों को अनदेखा किया गया”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के अनुसार, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 16 मई को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से फोन पर बात कर प्रतिनिधिमंडल के लिए चार नाम मांगे थे। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम सुझाए थे। इन चारों में से किसी को प्रतिनिधिमंडल में नहीं लिया गया, जबकि शशि थरूर को सरकार द्वारा शामिल कर लिया गया।
थरूर का जवाब: “राष्ट्रहित में सेवा मेरे लिए सम्मान की बात”
शशि थरूर ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं भारत सरकार के इस निमंत्रण से सम्मानित महसूस करता हूं। राष्ट्रहित जहां भी मेरी आवश्यकता होगी, मैं पीछे नहीं हटूंगा।”
भाजपा का हमला: “कांग्रेस की पसंद पर सवाल”
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस द्वारा सुझाए गए नामों पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन के समर्थकों ने उनकी जीत के बाद “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए थे, जिसे लेकर बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तारियां भी की थीं। उन्होंने गौरव गोगोई पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पत्नी इस्लामाबाद में रही हैं और उनके पाकिस्तानी सेना से कथित संबंधों को लेकर सुरक्षा चिंता उत्पन्न होती है।
मालवीय ने आगे कहा, “शशि थरूर की अंतरराष्ट्रीय अनुभव और विदेश नीति की समझ को नकारा नहीं जा सकता, फिर भी कांग्रेस ने उन्हें खुद क्यों नहीं चुना? क्या यह असुरक्षा या ईर्ष्या का मामला है?”
कांग्रेस की सफाई: “हम भी हिस्सा होंगे अभियान का”
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, हमने इस अभियान का समर्थन पत्र के माध्यम से किया है और अपने सांसदों के नाम भी दिए थे। यह केवल किसी एक पार्टी या सरकार का नहीं, बल्कि पूरे देश का अभियान है। हमारे सांसद भी इस कूटनीतिक पहल का हिस्सा बनेंगे।