नई दिल्ली: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को रविवार को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसे लेकर महिला आयोग ने आपत्ति जताई थी।

महिला आयोग ने नोटिस जारी कर जताई आपत्ति
हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इस टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए 12 मई को प्रोफेसर को नोटिस भेजा था। आयोग ने कहा कि महमूदाबाद की बातों से भारतीय सेना में कार्यरत महिलाओं का अपमान हुआ है और इससे समाज में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ सकता है।
अशोका यूनिवर्सिटी ने बनाई दूरी
अशोका यूनिवर्सिटी ने इस मामले में साफ किया कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की टिप्पणी उनके व्यक्तिगत विचार हैं और इसका विश्वविद्यालय से कोई लेना-देना नहीं है। यूनिवर्सिटी ने बयान जारी कर खुद को इस बयान से अलग कर लिया।
दिल्ली से हुई गिरफ्तारी, शिकायत बीजेपी नेता की
राई (सोनीपत) के एसीपी अजीत सिंह ने बताया कि महमूदाबाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी एक बीजेपी नेता की शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर के आधार पर की गई है।
महमूदाबाद की टिप्पणी क्या थी?
महमूदाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल महिला अफसरों — कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह — की भूमिका को सराहा था, लेकिन साथ ही लिखा था कि अगर महिलाओं की भागीदारी सिर्फ मंच पर दिखावे तक सीमित रही तो यह “पाखंड” होगा। महिला आयोग ने इसे भारतीय सेना को बदनाम करने की कोशिश बताया।
प्रोफेसर ने दी सफाई, बताया बात को तोड़ा-मरोड़ा गया
14 मई को प्रोफेसर महमूदाबाद ने बयान जारी कर कहा कि उनकी बातों को गलत समझा गया। उन्होंने साफ किया कि उनकी पोस्ट महिलाओं के खिलाफ नहीं थी, बल्कि सेना में महिलाओं की वास्तविक भागीदारी पर सवाल उठाती थी। उन्होंने यह भी कहा कि महिला आयोग के नोटिस में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उनकी टिप्पणी कैसे कानून या महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है।
महमूदाबाद बोले – यह सेंसरशिप और उत्पीड़न का नया तरीका
प्रोफेसर ने राज्य महिला आयोग की कार्रवाई को ‘सेंसरशिप’ और ‘उत्पीड़न’ बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश है।
शिक्षा जगत से मिला समर्थन, सोशल मीडिया पर विरोध
प्रोफेसर महमूदाबाद के समर्थन में देशभर से कई शिक्षाविद सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें समर्थन देते हुए यूज़र्स ने हरियाणा महिला आयोग से समन वापस लेने और माफी मांगने की मांग की है।