टीआरपी डेस्क। पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने एक बार फिर बड़ा कूटनीतिक कदम उठाने की तैयारी कर ली है। मोदी सरकार अब पाकिस्तान को फिर से एफएटीएफ (FATF) की ग्रे लिस्ट में डालने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस संदर्भ में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) को प्रारंभिक जानकारी भेज दी है और एक विस्तृत डोज़ियर तैयार किया जा रहा है।

इस डोज़ियर में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी फंडिंग से जुड़ी संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ सबूत शामिल होंगे, जिन्हें भारत FATF को सौंपेगा। इसके माध्यम से भारत FATF से अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत कड़ी जांच और कार्रवाई की मांग करेगा।

FATF की जून प्लेनरी में भारत उठाएगा मुद्दा

सूत्रों की मानें तो आगामी जून 2025 में FATF की प्लेनरी बैठक में भारत के अधिकारी हिस्सा लेंगे और पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उसे फिर से ग्लोबल वॉचडॉग की ग्रे लिस्ट में शामिल करने की मांग करेंगे।

FATF की पिछली प्लेनरी में अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया था। हालांकि, उस समय उसे चेतावनी दी गई थी कि वह काउंटर टेरर फाइनेंसिंग की दिशा में एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) के साथ सहयोग जारी रखे।

पाकिस्तान का ग्रे लिस्ट में इतिहास

  • 2008: पाकिस्तान पहली बार FATF की ग्रे लिस्ट में आया।
  • 2009: उसे लिस्ट से हटाया गया।
  • 2012–2015: निगरानी बढ़ाई गई।
  • 2018: दोबारा ग्रे लिस्ट में डाला गया।
  • 2021: पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहा।
  • 2022: FATF ने अस्थायी रूप से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया।

भारत का कड़ा रुख

भारत का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान में फिर से आतंकवादी गतिविधियों में अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और लॉन्ड्रिंग के संकेत मिले हैं। भारत की कोशिश है कि FATF के सदस्य देश इन तथ्यों को गंभीरता से लें और पाकिस्तान पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बनाया जाए।

भारत के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम इस मुद्दे पर कोई ढील नहीं देने वाले। पाकिस्तान का असली चेहरा अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना जरूरी है, और FATF इसकी सबसे उचित जगह है।”