0 सीबीआई ने रंगे हाथ पकड़ा था एक अफसर को

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चौंतीस लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में फंसे केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) विभाग के अधिकारियों को जमानत नहीं मिली। दोनों अफसरों को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
व्यापारी के यहां छापेमारी कर मांगी थी रिश्वत
रायपुर निवासी लालचंद अटवानी ने 30 जनवरी 2025 को सीबीआई से शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि 28 और 29 जनवरी को सीजीएसटी रायपुर की टीम ने उनके प्रतिष्ठान में छापा मारा था। इस टीम में भरत सिंह, विनय राय और मिश्रा शामिल थे। छापे के दौरान तीनों अधिकारियों ने उनसे 34 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जिसे बाद में घटाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया।
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए
शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने से इनकार करते हुए इसकी सूचना सीधे सीबीआई को दी। इसके बाद 31 जनवरी को सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए विनय राय को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।
इस मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि भरत सिंह ने साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई। वह मिश्रा और विनय राय के साथ मिलकर पूरे षड्यंत्र में शामिल रहा। इसलिए वर्तमान स्थिति में जमानत का आधार नहीं बनता।