टीआरपी डेस्क। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में नगर निगम परिसर से जोगी की 700 किलो वजनी कांस्य प्रतिमा को हाइड्रा क्रेन की मदद से रात को उठाते हुए CCTV कैमरे ने कैद कर लिया। इस मामले में दीपक शर्मा और प्रदीप जायसवाल नाम के दो भाजपा नेताओं को पुलिस ने नोटिस जारी कर तलब किया है।

29 मई को अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा का अनावरण होना था, लेकिन इससे दो दिन पहले ही यह मूर्ति रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। बाद में यह प्रतिमा गौरेला बस स्टैंड के पास मिली, लेकिन ये अभी तक नहीं पता चल पाया कि किसके आदेश पर ऐसा किया गया।

बगैर अनुमति लगाई गई थी प्रतिमा

सूत्रों का कहना है कि बिना अनुमति के तीन दिन पहले प्रतिमा ज्योतिपुर चौक पर लगाई गई थी, जिस पर मुख्य नगर अधिकारी ने नोटिस देकर इसे हटाने को कहा था। लेकिन मामला उस वक्त और गर्मा गया जब पता चला कि उसी स्थान पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पहले से था। इस वजह से कई लोग इसे भाजपा का राजनीतिक कदम मान रहे हैं।

अमित जोगी की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने इसे अपने पिता और जनता की भावनाओं पर हमला बताया। वे अब प्रतिमा को मूल स्थान पर वापस लगाने तक भूख हड़ताल पर हैं। वहीं इस मामले में थाना प्रभारी नवीन बोरकर ने कहा कि CCTV फुटेज और सबूतों के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजनीतिक माहौल गरम है और आने वाले दिनों में इस मामले की गहराई सामने आने वाली है।