गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की कांस्य प्रतिमा हटाने को लेकर जिले में राजनीतिक विवाद छिड़ा हुआ है। इस बीच पुलिस ने मामले में दो स्थानीय भाजपा नेताओं को नोटिस जारी कर तलब किया है।

प्रतिमा हटाते हुए नजर आए ये दो नेता

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर नगरपालिका परिसर से दो भाजपा नेताओं, दीपक शर्मा और प्रदीप जायसवाल को प्रतिमा हटाने में संलिप्त पाया गया है। कैमरे में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि रात के अंधेरे में हाइड्रा क्रेन की मदद से लगभग 700 किलो वजनी प्रतिमा को उठाया गया। इस घटना ने स्थानीय लोगों और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी-जे) के कार्यकर्ताओं को आक्रोशित कर दिया, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन कर इसे जोगी की विरासत पर हमला बताया।

पुण्यतिथि पर होना था मूर्ति का अनावरण

बता दें कि 29 मई को अजीत जोगी की पुण्यतिथि के अवसर पर इस प्रतिमा का अनावरण होना था, लेकिन उससे दो दिन पहले ही रातोंरात यह प्रतिमा गायब हो गई। बाद में यह गौरेला नगर निगम बस स्टैंड के पास मिली। हालांकि, इसे किसके निर्देश पर हटाया गया, यह अब भी स्पष्ट नहीं है।

बिना अनुमति मूर्ति लगाने का आरोप

सूत्रों के अनुसार, तीन दिन पहले बिना आधिकारिक अनुमति के प्रतिमा को ज्योतिपुर चौक पर स्थापित कर दिया गया था। मुख्य नगर अधिकारी (सीएमओ) नारायण साहू ने इसे अनाधिकृत बताते हुए ठेकेदार को 24 घंटे के भीतर हटाने का नोटिस दिया था।
विवाद उस समय और गहरा गया जब यह जानकारी सामने आई कि उसी स्थान पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाने का पूर्व प्रस्ताव था। ऐसे में जोगी प्रतिमा को हटाने को लेकर राजनीतिक नीयत पर सवाल उठने लगे।

विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे अमित जोगी

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे और जेसीसी-जे के अध्यक्ष अमित जोगी ने इसे अपने पिता और छत्तीसगढ़ की जनता के अपमान की संज्ञा दी है। उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी और कहा कि जब तक प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर पुनः स्थापित नहीं किया जाता, वे उपवास समाप्त नहीं करेंगे।
थाना प्रभारी नवीन बोरकर ने बताया कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और संबंधित फुटेज व साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।