रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग संभाग स्थित कौड़ीकसा गांव में भूजल में आर्सेनिक की मौजूदगी ने ग्रामीणों की सेहत पर गंभीर असर डाला है। लगभग 2500 की आबादी वाले इस गांव में लगभग हर घर में कोई न कोई सदस्य किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी में त्वचा पर काले धब्बे और अन्य स्किन डिजीज आम हो गई हैं।

इस चिंताजनक स्थिति पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए गंभीर चिंता जाहिर की है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय की खंडपीठ ने इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों को आधार बनाते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) के सचिव को व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 29 मई को निर्धारित की गई है।
राज्य सरकार ने जानकारी दी है कि पहले गांव में आर्सेनिक को हटाने के लिए एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था, लेकिन वह पर्याप्त नहीं रहा। इसके बाद अंबागढ़ से शिवनाथ नदी का पानी गांव तक लाने की बहुग्राम योजना बनाई गई, जिसके तहत कौड़ीकसा समेत 23 गांवों को नदी का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। अब इस मुद्दे पर राज्य सरकार की ओर से विस्तृत जवाब दाखिल किया जाना बाकी है।