रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर के शिक्षा संकाय द्वारा दिनांक 30 मई 2025 को जनजातीय संग्रहालय, नया रायपुर का एक समृद्ध शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया। यह पहल बी.एड. एवं एम.ए. (शिक्षा) के विद्यार्थियों के लिए अनुभवात्मक और अंतर्विषयक अधिगम को प्रोत्साहित करने हेतु की गई, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है जिसमें सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय ज्ञान प्रणालियों को शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में समाहित करने पर बल दिया गया है।
जनजातीय संग्रहालय, जो छत्तीसगढ़ की विभिन्न जनजातियों के जीवन, कला, परंपराओं और रीति-रिवाजों को जीवंत रूप में प्रदर्शित करता है, विद्यार्थियों के लिए स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों से जुड़ने और जनजातीय इतिहास व संस्कृति के शैक्षिक महत्व को समझने का एक उत्कृष्ट मंच सिद्ध हुआ।

यह भ्रमण डॉ. श्रद्धा वर्मा- अधिष्ठाता, शिक्षा संकाय के नेतृत्व में तथा डॉ. सरोज नैयर के समन्वय में आयोजित किया गया। आयोजन में डॉ. कालिदास, निदेशक-खेल, डॉ. संजीव कुमार यादव- सहायक प्राध्यापक एवं क्रीडा अधिकारी, डॉ. लुभावनी त्रिपाठी– सह प्राध्यापिका तथा डॉ. हर्षा शर्मा– सहायक प्राध्यापिका, शिक्षा संकाय सहित अन्य संकाय सदस्यों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।

भ्रमण के दौरान संकाय सदस्यों ने विद्यार्थियों के साथ संवाद, चिंतनशील अवलोकन और प्रलेखन संबंधी गतिविधियाँ संचालित कीं, जिससे विद्यार्थियों को संग्रहालय की प्रदर्शनी से सार्थक शैक्षणिक अंतर्दृष्टियाँ प्राप्त हुईं। इस अनुभव से न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ी, बल्कि समावेशी शैक्षणिक दृष्टिकोण को भी बल मिला।
कलिंगा विश्वविद्यालय, नया रायपुर, NAAC से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है और लगातार तीसरे साल NIRF रैंकिंग 2024 में शीर्ष 101-150 विश्वविद्यालयों में स्थान पाने वाला छत्तीसगढ़ का एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है। यह मध्य भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में भी उभरा है।
इस प्रकार के क्षेत्रीय अधिगम आधारित प्रयास कलिंगा विश्वविद्यालय की समग्र एवं संदर्भ-सापेक्ष शिक्षक शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि करते हैं।