रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग ने गुरुवार देर शाम राज्यभर के 302 सहायक प्राध्यापकों की पदोन्नति की सूची जारी की, लेकिन इस सूची में गंभीर त्रुटियां सामने आई हैं। सूची में ऐसे नाम भी शामिल हैं, जिनमें से कुछ प्राध्यापक वर्षों पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि दो प्राध्यापक अब इस दुनिया में नहीं हैं।

इस आदेश के जारी होते ही कॉलेजों में प्राध्यापकों के बीच हैरानी और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई शिक्षक इसे विभागीय लापरवाही और अद्यतन रिकॉर्ड न होने का परिणाम मान रहे हैं।
पुराने रिकॉर्ड से हुई गड़बड़ी
सूत्रों के मुताबिक, पदोन्नति प्रक्रिया में विभाग ने वर्षों पुराने रिकॉर्ड का उपयोग किया, जिसे समय रहते अपडेट नहीं किया गया था। ऐसे में जिन प्राध्यापकों का नाम अब सेवा में नहीं है या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या दिवंगत हो चुके हैं वे भी पदोन्नति सूची में जगह पा गए।
विभाग ने दी सफाई
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव एस. भारतीदासन ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि वर्ष 2016 में सहायक प्राध्यापकों की डीपीसी बैठक हुई थी। इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देशानुसार 2025 में इसका पुनरीक्षण (रिव्यू डीपीसी) किया गया। इस प्रक्रिया में 366 सहायक प्राध्यापकों को पदोन्नति के योग्य पाया गया, जिनमें से 297 वर्तमान में सेवा में हैं, जबकि 63 सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें से दो का निधन हो चुका है और चार के खिलाफ विभागीय जांच जारी है।
उन्होंने बताया कि जो प्राध्यापक अब सेवा में नहीं हैं, उन्हें पदोन्नति का लाभ केवल पेंशन निर्धारण के उद्देश्य से दिया जाएगा, न कि किसी नई जिम्मेदारी या तैनाती के लिए।
पहले भी घिर चुका है विभाग विवादों में
गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब उच्च शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आई हो। पिछले वर्ष भी पदोन्नति और तबादलों के आदेशों को लेकर विवाद हुआ था। कुछ प्राध्यापकों के तबादले आदेश जारी होने के कुछ ही दिन बाद बदले गए थे, जिसमें कई दूरस्थ स्थानों से शहरी क्षेत्रों में वापसी कराई गई थी। विभाग ने तब स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था।
पदोन्नति सूची में ये नाम चर्चा में
- डॉ. भगत सिंह ढीढी– दिवंगत, राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक, रायपुर एवं भाटापारा में सेवाएं दीं।
- डॉ. प्रेमलता मिश्र– 8 साल पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्त, राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिका, उतई, दुर्ग।
- डॉ. स्मृति अग्रवाल– पूर्व प्रोफेसर (भौतिक शास्त्र), कुछ वर्षों पूर्व सेवा निवृत्त, वैशाली नगर, दुर्ग।
- डॉ. शकीला गायकवाड़– दिवंगत, राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिका, धमधा में रहीं तैनात।