रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी लिमिटेड (CSPTCL) के कर्मचारियों को नेत्र चिकित्सा और सर्जरी के लिए दी जा रही कैशलेस चिकित्सा सुविधा 1 जून 2025 से बंद कर दी गई है। इस फैसले की जानकारी छत्तीसगढ़ नेत्र चिकित्सक संघ ने एक पत्र जारी कर दी है। संघ ने इसके लिए एडिशनल चीफ इंजीनियर को जिम्मेदार ठहराते हुए गंभीर और आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं।
संघ का कहना है कि राज्यभर के नेत्र चिकित्सालयों के साथ CSPTCL का कैशलेस सेवा के लिए अनुबंध था। लेकिन कंपनी द्वारा बिना किसी पूर्व चर्चा के बार-बार एकतरफा नियम और शर्तें लागू की जा रही थीं, जिससे अनुबंध की मूल भावना का उल्लंघन हुआ।
नेत्र चिकित्सक संघ ने बताया कि इस विषय में समाधान के लिए पत्राचार किया गया, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके विपरीत, एडिशनल चीफ इंजीनियर द्वारा तुगलकी फरमान जारी किए गए, जिससे चिकित्सालय और चिकित्सक संघ दोनों अत्यंत नाराज हैं।
मुख्य अभियंता पर गंभीर आरोप
संघ का आरोप है कि एडिशनल चीफ इंजीनियर के कुछ निर्देश कानूनी रूप से संदिग्ध और मानहानिकारक हैं। इन परिस्थितियों में, संघ और सेवा प्रदाता अब कैशलेस सेवा देना असंभव मानते हैं, और इसी कारण 1 जून 2025 से सेवा स्थगित की जा रही है।
इलाज होगा जारी, लेकिन रिम्बर्समेंट के आधार पर
हालांकि, CSPTCL कर्मचारियों का इलाज पूरी तरह बंद नहीं होगा। हॉस्पिटल की निर्धारित दरों पर इलाज जारी रहेगा, और कर्मचारी अपने नियमानुसार रिम्बर्समेंट के लिए दावा कर सकेंगे।
अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए मुख्य अभियंता (एच.आर.) को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि भविष्य में अनुबंध की शर्तें व्यावहारिक और सम्मानजनक होती हैं, तो संघ इस निर्णय पर पुनर्विचार कर सकता है।