दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे आक्रामक अभियानों का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। दंतेवाड़ा जिले में शुक्रवार को सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी, जब 2 इनामी नक्सलियों समेत कुल 7 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 2 पर कुल 1 लाख का इनाम घोषित था।

समाज के मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प लेते हुए लोन वर्रा टू के तहत नकस्ल दन्तेवाड़ा डिप्टी आईजी, एसपी गौरव राय समेत कई वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार से स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण, कृषि भूमि जैसे अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।

इन नक्सलियों ने किया सरेंडर

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जुगलू उर्फ सुंडुम कोवासी (50 हजार का इनामी), दशा उर्फ बुरकू पोड़ियाम (50 हजार का इनामी), भोजा राम माड़वी, लखमा उर्फ सुती उर्फ लखन मरकाम, रातू उर्फ ओठे कोवासी, सुखराम पोड़ियाम, पण्डरू राम पोड़ियाम शामिल है । 1 बोदली आरपीसी, 1 उतला आरपीसी, 2 पोमरा आरपीसी, 1 बेचापाल आरपीसी, 1 डुंगा आरपीसी और 1 नक्सली पल्लेवाया आरपीसी में सक्रिय थे । आत्मसमर्पित सभी माओवादी अपने-अपने क्षेत्र में नक्सली बंद सप्ताह के दौरान रोड खोदना, पेड़ काटना, नक्सली बैनर, पोस्टर एवं पाम्प्लेट लगाने जैसी घटनाओं में शामिल रहे ।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जुगलू उर्फ सुंडुम कोवासी (50 हजार का इनामी), दशा उर्फ बुरकू पोड़ियाम (50 हजार का इनामी), भोजा राम माड़वी, लखमा उर्फ सुती उर्फ लखन मरकाम, रातू उर्फ ओठे कोवासी, सुखराम पोड़ियाम और पण्डरू राम पोड़ियाम शामिल हैं । ये नक्सली अलग-अलग आरपीसी क्षेत्रों में सक्रिय थे, 1 बोदली आरपीसी, 1 उतला आरपीसी, 2 पोमरा आरपीसी, 1 बेचापाल आरपीसी, 1 डुंगा आरपीसी और 1 नक्सली पल्लेवाया आरपीसी । आत्मसमर्पित सभी माओवादी अपने-अपने क्षेत्रों में नक्सली बंद सप्ताह के दौरान सड़क खोदना, पेड़ काटना, नक्सली बैनर, पोस्टर और पाम्पलेट लगाने जैसी गतिविधियों में सक्रिय थे ।