टीआरपी डेस्क। 9 जून को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब ‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’ नामक एक अज्ञात संगठन की ओर से बम विस्फोट की धमकी भरा ईमेल कोर्ट के आईटी सिस्टम पर प्राप्त हुआ। ईमेल में दावा किया गया था कि परिसर में अमोनियम सल्फर आधारित IED विस्फोटक लगाए गए हैं, जो किसी भी वक्त धमाका कर सकते हैं। यह संदेश मिलते ही कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया और सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत अलर्ट पर रखा गया।

कोर्ट परिसर खाली, तीन घंटे तक चला सघन सर्च ऑपरेशन

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत हाईकोर्ट परिसर को खाली कराया। जजों, वकीलों, कर्मचारियों और वादकारियों को बाहर निकालकर पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया। बम निरोधक दस्ते (BDS), डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम ने तीन घंटे तक सघन तलाशी ली। हर कोना—कक्ष, रिकॉर्ड रूम, लॉबी से लेकर पार्किंग तक खंगाल डाला गया, लेकिन कोई विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं हुई।

धमकी भरा ईमेल: नए संगठन का दावा, कसाब की फांसी को बताया वजह

पुलिस जांच में सामने आया कि ईमेल ‘[email protected]‘ से भेजा गया था, जिसमें ‘मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब’ नामक संगठन ने खुद को जिम्मेदार बताया। ईमेल में अजमल कसाब को दी गई फांसी और मुस्लिम समुदाय के साथ कथित अन्याय का हवाला देते हुए हमले को ‘पवित्र मिशन’ करार दिया गया। यह संगठन अब तक खुफिया एजेंसियों की जानकारी में नहीं था, जिससे जांच एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।

FIR दर्ज, साइबर सेल और ATS जांच में जुटी, विदेशी कनेक्शन की आशंका

पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ UAPA और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली है। साइबर सेल ने ईमेल की लोकेशन और सर्वर ट्रेस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में यह संकेत मिले हैं कि ईमेल किसी विदेशी सर्वर से भेजा गया हो सकता है। एसएसपी रजनेश सिंह ने जानकारी दी कि अब तक कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, लेकिन जांच बेहद गंभीरता से की जा रही है।

हाईकोर्ट की सुरक्षा कड़ी, जजों को मिली विशेष सुरक्षा

धमकी के बाद हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता कर दिया गया है। परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और आने-जाने वाले प्रत्येक वाहन और व्यक्ति की सघन जांच की जा रही है। साथ ही, जजों और अन्य प्रमुख अधिकारियों को विशेष सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है।