रायपुर। सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट नितिन संघवी ने मुख्य सचिव, सचिव उर्जा, सचिव एवं संचालक नगरीय प्रशासन को पत्र लिखकर बिजली ट्रांसफार्मर और लाइनों पर से होर्डिंग फ्लैक्स हटाने और अब इसे लगाने की अनुमति नहीं देने को कहा है।

संघवी ने बिजली लाइन पर गिरने वाले फ्लेक्स और क्लाइमेट एडॉप्शन नीति के संबंध में पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि जलवायु परिवर्तन अब समाप्त हो चुका है, अब जलवायु संकट है। जो कुछ भी होगा चरम होगा, अधिक होगा और तीव्र होगा-चरम मौसमी घटनाएं जैसे चरम आंधी-तूफान, ओले, कुछ घंटे में अत्यधिक वर्षा इत्यादि।

लगातार घट रही हैं घटनाएं
1 मई 2025 को आई आंधी में देवेंद्र नगर रायपुर में बना शेड गिर गया, यहां तक की बाजू राष्ट्रीय राजमार्ग का टोल प्लाजा भी ध्वस्त होकर गिर गया था। अब जलवायु संकट से बचने के लिए क्लाइमेट अडॉप्ट करना पड़ेगा। जहां तक आंधी की बात है शहर में लगे विज्ञापन के फ्लेक्स, होर्डिंग से इस आंधी-तूफान में फटकर बिजली लाइन पर गिर जाते हैं जिससे घंटो बिजली प्रभावित होती है।
दिनांक 10 जून 2025 को चली आंधी ने पूरे शहर में बहुत फ्लेक्स होर्डिंग से गिरे। शंकर नगर चौक में फ्लेक्स का फटा हुआ टुकड़ा आंधी में उड़ रहा है, जिसका एक फटा टुकड़ा 33 केवी लाइन पर गिर गया । पूरे शहर में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं। बिजली कंपनी के कर्मचारियों के अनुसार शंकर नगर के कुछ इलाकों में 35 जगह बिजली तारों से रात 1 बजे तक फ्लेक्स हटाने के बाद 2 बजे रात बिजली सप्लाई चालू की जा सकी। आमजन बच्चों को मच्छरों के साथ भरपूर आद्रता वाली गर्मी में अंधेरे में रहना पड़ा। कई घरों में खाना बनाना भी मुश्किल हुआ। जिन स्ट्रक्चर पर फ्लेक्स लगाए जाते है वह भी इन आंधी तूफान में गिर कर खतरा बन सकते हैं।

विशालकाय होर्डिंग स्ट्रक्चर से मिले छुटकारा
ऐसे में अब आवश्यकता है कि ऐसे होर्डिंग स्ट्रक्चर इत्यादि से छुटकारा पाया जावे जिनसे फ्लेक्स गिर कर बिजली लाइन तारों में गिर जाते हैं, जिससे जलवायु संकट के दौरान भीषण गर्मी में हमारा जीना विद्युत आपूर्ति बंद होने के या अन्य नुकसान होने के कारण दूभर हो रहा है। मुख सचिव से निवेदन किया गया है कि विज्ञापन वाले होर्डिंग को लेकर के आदेश जारी किया जाए कि जिसमें छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की बिना अनुमति के कोई भी होर्डिंग ना लगाया जाए और खतरनाक होर्डिंग जिनसे बिजली लाइन पर फ्लेक्स गिरने का खतरा रहता है, चिन्हित कर हटाये जाए, यह क्लाइमेट एडॉप्शन के अंतर्गत आएगा। हजारों लाखों लोगों की तकलीफ कुछ लाख के राजस्व से ज्यादा महत्व रखती है।