टीआरपी डेस्क। अहमदाबाद में सोमवार दोपहर एक भीषण विमान हादसा हुआ, जिसमें एयर इंडिया की लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गई। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में 12 क्रू मेंबर समेत कुल 242 यात्री सवार थे। हादसे के समय विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे।

टेकऑफ के 2 मिनट बाद हादसा
फ्लाइट ने सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दोपहर 1:38 बजे उड़ान भरी थी। महज दो मिनट बाद, 1:40 बजे, विमान एयरपोर्ट की सीमा से सटे इलाके में एक इमारत से टकरा गया। विमान के गिरते ही जोरदार धमाका हुआ और चारों ओर धुएं का गुबार फैल गया।
विदेशी नागरिक भी थे सवार
फ्लाइट में 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक समेत 169 भारतीय यात्री मौजूद थे। हादसे के बाद सामने आई यात्रियों की सूची में विजय रूपाणी का नाम भी शामिल है।
डॉक्टर्स की बिल्डिंग से टकराया विमान
जिस इमारत से विमान टकराया, वह अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स का रिहायशी परिसर था। टक्कर से 15 डॉक्टर घायल हो गए हैं। मौके से अब तक करीब 100 शव बरामद किए जा चुके हैं।
‘मेडे कॉल’ के तुरंत बाद संपर्क टूटा
टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान ने एटीसी को ‘मेडे’ कॉल दी थी, लेकिन इसके तुरंत बाद संपर्क टूट गया। चश्मदीदों के अनुसार, विमान हवा में ही असंतुलित हो गया और घनी आबादी वाले क्षेत्र में गिर पड़ा।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। फायर ब्रिगेड की सात यूनिट्स, NDRF की दो टीमें और अन्य आपातकालीन सेवाएं तुरंत मौके पर पहुंचीं। 90 से अधिक जवानों को राहत-बचाव कार्य में लगाया गया है। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
पीएम मोदी और शाह रवाना, उड्डयन मंत्री मौके पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली से अहमदाबाद रवाना हो गए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने सभी कार्यक्रम रद्द कर तुरंत अहमदाबाद के लिए प्रस्थान किया। उन्होंने कहा, यह दुर्घटना बेहद दुखद है। मैं व्यक्तिगत रूप से राहत कार्यों की निगरानी कर रहा हूं और सभी एजेंसियों को तत्काल एक्शन के निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री का निर्देश
पीएम मोदी ने नायडू को निर्देश दिया है कि सभी जरूरी सहायता तुरंत मुहैया कराई जाए और स्थिति पर निरंतर नजर रखी जाए। संबंधित एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और समन्वित प्रयास जारी हैं।
यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास के सबसे बड़े हादसों में से एक माना जा रहा है। राहत और बचाव कार्य अब भी जारी है और सरकार की ओर से लगातार अपडेट दिए जा रहे हैं।



