रायपुर। छत्तीसगढ़ में लंबे इंतज़ार के बाद अब मानसून धीरे-धीरे सक्रिय होने लगा है। मौसम विभाग ने आज शनिवार को प्रदेश के 14 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। वहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बौछारें भी पड़ सकती हैं।

बस्तर से आगे बढ़ा मानसून

राज्य के दक्षिणी हिस्से बस्तर में पिछले कुछ दिनों से अटका मानसून अब एक बार फिर रफ्तार पकड़ता दिख रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगर सब कुछ सामान्य रहा तो 16 या 17 जून तक मानसून रायपुर और आसपास के इलाकों तक पहुंच सकता है। शुक्रवार शाम को रायपुर में हुई हल्की बूंदाबांदी भी इसी मानसूनी सिस्टम की सक्रियता का संकेत मानी जा रही है।

तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना

दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, जशपुर, कोरिया, महासमुंद, बालोद, कबीरधाम, बलौदाबाजार, सरगुजा, सूरजपुर, गरियाबंद, बलरामपुर और बेमेतरा सहित 14 जिलों में आज गरज-चमक के साथ बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में तेज़ हवाएं चलेंगी और कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं।

अब तक जून में 51% कम बारिश

अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो जून में प्रदेश के 33 में से 27 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है, जो कि कुल जिलों का लगभग 82% है। पूरे राज्य में औसतन 51% वर्षा की कमी पाई गई है। सिर्फ 6 जिलों में ही बारिश सामान्य या उससे अधिक रही है। इससे खरीफ की फसलों पर प्रभाव पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है।

जून में हर साल यही रहता है ट्रेंड

मौसम विभाग का कहना है कि जून के शुरुआती 10 से 12 दिन आमतौर पर शुष्क और गर्म रहते हैं। इसके बाद बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में बनने वाले लो-प्रेशर सिस्टम के चलते मानसून की रफ्तार तेज़ होती है। इस बार भी इसी पैटर्न के दोहराए जाने की संभावना है।

राजधानी में अब तक बारिश नाकाफी

रायपुर में पिछले मंगलवार को करीब आधे घंटे की तेज बारिश से कई इलाकों में जलभराव और विधानसभा क्षेत्र में बिजली गुल होने जैसी स्थिति बन गई थी। लेकिन इसके बाद से अब तक शहर में कोई बड़ी वर्षा नहीं हुई है। शुक्रवार को हुई बूंदाबांदी लोकल सिस्टम की देन थी।