रायपुर। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) छत्तीसगढ़ चैप्टर ने आज छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में उपस्थित होकर प्रदेश की स्वास्थ्य प्रदाता संस्थाओं को औद्योगिक दरों पर बिजली उपलब्ध करवाने की मांग की है।

बिजली के चलते बढ़ गया है संचालन व्यय

एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के महासचिव अतुल सिंघानिया ने बताया कि एएचपीआई छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, संयोजक डॉ. विकास अग्रवाल और महासचिव अतुल सिंघानिया के प्रतिनिधिमंडल ने आज विद्युत नियामक आयोग के संज्ञान में लाया कि छत्तीसगढ़ में निजी क्षेत्र में क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी लैब, अस्पताल और नर्सिंग होम मिलाकर 900 से ज्यादा स्वास्थ्य प्रदाता संस्थायें संचालित हैं। वर्तमान में इन्हें कमर्शियल (व्यावसायिक) दरों पर विद्युत आपूर्ति की जा रही है जो अपेक्षाकृत काफी महंगी है। इन संस्थाओं को LV 2 तथा HV 3 कैटिगरी में रखा गया है, जिनका टैरिफ सबसे ज्यादा है । इससे इन स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन व्यय काफी बढ़ रहा है। ए एच पी आई मैं यह जानकारी दी है कि अस्पतालों और क्लीनिक में बिजली मानव संसाधन के बाद खर्च का सबसे बड़ा अंश होता है।

अत्यावश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में इस्तेमाल होने वाली बिजली का 70% हिस्सा जीवन रक्षक सपोर्ट सिस्टम को चलाए रखने में खर्च होता है । गत 7 मई 2025 को एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (एएचपीआई) छत्तीसगढ़ चैप्टर ने स्वास्थ्य क्षेत्र को पर्यटन की तरह उद्योग का दर्जा देने के महत्वपूर्ण विषय को मुख्यमंत्री विष्णुदेव के संज्ञान में लाया था। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने अस्पतालों को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की है। MSME मंत्रालय ने भी स्वास्थ्य संस्थाओं को MSME की लिस्ट में शामिल किया है।

प्रतिनिधिमंडल की ओर से पक्ष रखते हुए आयोग के सदस्यों को डाक्टर विकास अग्रवाल ने इस ओर ध्यान आकर्षित किया कि कर्नाटक में अस्पतालों को विद्युत आपूर्ति के लिए अलग कैटिगरी बनाई गई है। छत्तीसगढ़ मे भी इसे किया जा सकता है

स्वास्थ्य मंत्री की उक्त घोषणा के परिपालन में छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रदाता संस्थाओं को औद्योगिक दरों पर विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करवाने एवं स्वास्थ्य से जुड़ी प्राइवेट संस्थानों के लिए अलग कैटिगरी बनाई जाने के लिए सविनय निवेदन किया है। साथ ही यह आग्रह भी किया है कि इस वर्ष के लिए प्रस्तावित विद्युत दरों की वृद्धि से स्वास्थ्य क्षेत्र को मुक्त रखे जाने का एएचपीआई के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से किया है जिससे विद्युत बिल की बचत से अस्पतालों के संचालन व्यय में कमी आएगी और अस्पताल मरिजों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधा दे सकेंगे।

जनहित से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर प्रतिनिधिमंडल ने विद्युत नियामक आयोग से सहयोग पूर्ण कार्यवाही की अपील की है।