रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले को लेकर एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बार विवाद की शुरुआत हुई है मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के एक सोशल मीडिया पोस्ट से।
दिग्विजय सिंह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक अखबार की रिपोर्ट साझा करते हुए छत्तीसगढ़ में हुए कथित डीएमएफ घोटाले को लेकर सवाल उठाए। उनके इस पोस्ट के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, दिग्विजय सिंह जी को शायद यह जानकारी नहीं है कि यह घोटाला भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था। अब वे खुद ही अपनी पार्टी की पूर्व सरकार की करतूतें उजागर कर रहे हैं। यह अच्छी बात है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वयं अपनी ही पार्टी की पोल खोल रहे हैं।
इस बीच, पूरे मामले ने तब और दिलचस्प मोड़ ले लिया जब पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने भी दिग्विजय सिंह के पोस्ट को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर दिया। हालांकि कुछ ही देर में उन्होंने वह पोस्ट डिलीट कर दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
विजय शर्मा ने आगे कहा कि भाजपा सरकार में पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता है और यहां घोटालों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में घोटाले आम बात थे, जबकि वर्तमान सरकार ईमानदारी और पारदर्शी प्रशासन के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।