टीआरपी डेस्क। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रचार-प्रसार के लिए भारी-भरकम खर्च किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक BJP ने करीब ₹1494 करोड़ रुपये खर्च किए। कांग्रेस ने भी पीछे नहीं रहते हुए ₹620 करोड़ रुपये चुनावी मैदान में झोंक दिए।

BJP का कुल खर्च में सबसे बड़ा हिस्सा

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, कुल चुनावी खर्च में BJP का हिस्सा 44.56% रहा, यानी लगभग आधे खर्च पर उसका कब्जा। कांग्रेस ने कुल चुनावी खर्च का 18.5% खर्च किया। रिपोर्ट में बताया गया कि इस बार के चुनावों में सभी पार्टियों ने मिलाकर ₹3352.81 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए।

लोकसभा और चार राज्यों के चुनाव पर नजर

ADR ने 16 मार्च से 6 जून 2024 के बीच हुए लोकसभा और चार राज्यों (आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) के विधानसभा चुनावों का आंकड़ा जारी किया। इसमें बताया गया कि सिर्फ राष्ट्रीय दलों ने ही करीब ₹2204 करोड़ (कुल खर्च का 65.75%) खर्च किया।

प्रचार-प्रसार में सबसे ज्यादा खर्च

चुनावी बजट का बड़ा हिस्सा प्रचार-प्रसार पर खर्च हुआ। रिपोर्ट के अनुसार:

  • प्रचार-प्रसार: ₹2008 करोड़ (कुल खर्च का 53%)
  • यात्राओं पर: ₹795 करोड़
  • स्टार प्रचारकों की यात्राओं पर: ₹765 करोड़
  • पार्टी कार्यकर्ताओं पर: केवल ₹30 करोड़

राष्ट्रीय दलों ने 6930 करोड़ जुटाए

ADR के अनुसार, चुनावों के दौरान राष्ट्रीय दलों ने कुल ₹6930.25 करोड़ जुटाए, जबकि क्षेत्रीय दलों ने ₹515.32 करोड़ एकत्र किए। उम्मीदवारों को नकद में ₹402 करोड़ मिले, जबकि डिजिटल प्रचार में ₹132 करोड़ खर्च किए गए।

छुपा खर्च: गुमनाम पार्टियों का हिसाब नहीं

रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि 690 अनाम पार्टियों ने लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उनके खर्च की जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा NCP, CPI, JMM और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) जैसी पार्टियों ने चुनाव लड़ने के बावजूद शून्य खर्च दिखाया।

विधानसभा चुनाव में भी कई दलों ने नहीं दिया खर्च का ब्योरा

  • अरुणाचल प्रदेश: 1 पार्टी
  • आंध्र प्रदेश: 74 पार्टियां
  • ओडिशा: 35 पार्टियां
  • सिक्किम: 2 पार्टियां
    इन राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इन दलों के खर्च का कोई रिकॉर्ड ADR के पास नहीं है।

रिपोर्ट जमा करने में देरी

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, पार्टियों को 90 दिनों के भीतर खर्च का ब्योरा देना होता है। लेकिन कई दलों ने इसमें देरी की:

  • AAP ने 168 दिन बाद रिपोर्ट दी।
  • BJP ने 154 दिन में रिपोर्ट सौंपी।
  • केवल कांग्रेस ने समय पर लोकसभा और विधानसभा का ब्योरा जमा किया।