B-2 Bomber: मामले से जुड़े एक सूत्र के अनुसार, वीकंड के ऑपरेशन में अमेरिकी बी-2 बॉम्बर (B-2 bombers) का इस्तेमाल उन 3 ईरानी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया, जिनका जिक्र अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर पोस्ट में किया था। हमले के लिए 6 अमेरिकी बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया गया।
B-2 बॉम्बर की उड़ान रेंज 11 हजार km
दावा किया जाता है कि B-2 बॉम्बर का मतलब एटमी सर्वनाश. यह बॉम्बर बेहद ताकतवर हैं. इनकी उड़ान रेंज करीब 11,000 किलोमीटर है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि रिफ्यूलिंग के बाद यह करीब 19,000 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है. इसकी वॉरहेड क्षमता 18 टन है। B-2 बॉम्बर करीब 12 किलोमीटर की ऊंचाई से हमला करने में सक्षम है। इसकी क्षमता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यह हमला करने के बाद जमीन में 60 मीटर की गहराई तक घुस सकता है।
400 मील दूर पनडुब्बियों से दागी गईं मिसाइलें
अमेरिका के सबसे घातक बॉम्बर में शुमार किए जाने वाले B-2 बॉम्बर की कई अपनी बेजोड़ खासियत भी है। यह दुश्मन को नजर आए बिना ही हमला करने में सक्षम है। यह किसी रडार की पकड़ में भी नहीं आता। इसकी पूरी बॉडी एक बड़े पंख जैसी दिखती है। इस बॉम्बर में परंपरागत विमानों की तरह टेल नहीं होता है। अमेरिका के पास 20 B-2 बॉम्बर हैं।
अमेरिका ने रविवार को ईरान के 3 परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें भी दागी हैं। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकाने फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। जबकि, नतांज और इस्फहान में टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं। दावा किया जा रहा है कि करीब 400 मील दूर पनडुब्बियों के जरिए ये मिसाइलें दागी गईं।