रायपुर। छत्तीसगढ़ में ट्रैफिक चालान मामलों की सुनवाई को आसान, डिजिटल और जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए राज्य हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब राज्य के सभी पांच संभागों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर और बस्तर में वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की जा रही है, जिससे वाहन चालकों को ट्रैफिक केस की सुनवाई के लिए अदालतों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

हाईकोर्ट के आदेश से क्रियान्वयन शुरू

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन वर्चुअल कोर्ट्स में संबंधित जिलों के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुनवाई करेंगे। बस्तर संभाग की वर्चुअल कोर्ट जगदलपुर में संचालित होगी और बीजापुर, सुकमा, कांकेर जैसे जिलों के चालान मामलों की सुनवाई वहीं से होगी।

इसी तरह बाकी संभागों में भी वर्चुअल कोर्ट्स खोली जा रही हैं:

1.बिलासपुर कोर्ट: कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, सक्ती, जीपीएम आदि जिलों को कवर करेगी।
2.दुर्ग कोर्ट: बालोद, बेमेतरा, कवर्धा जैसे जिलों के चालान देखेगी।
3.अंबिकापुर कोर्ट: सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर को कवर करेगी।
4.रायपुर कोर्ट: गरियाबंद, महासमुंद, बलौदा बाजार, धमतरी और रायपुर के केस को कवर करेगी।

क्या होगा फायदा? जानिए इस नई व्यवस्था के लाभ

यह Digital Justice System वाहन चालकों को राहत देगी क्योंकि अब उन्हें छुट्टी लेकर कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। केवल मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए ई-हियरिंग में शामिल होकर अपना चालान निपटा सकेंगे। इससे न्याय प्रक्रिया तेज होगी, कोर्ट का बोझ भी घटेगा और आम जनता को तत्काल राहत मिलेगी।

ऐसे होगी पूरी प्रक्रिया: पूरी तरह डिजिटल सिस्टम

1.वाहन चालक चालान की जानकारी पोर्टल या ऐप पर देख सकेंगे।
2.वर्चुअल कोर्ट के जरिए ई-सुनवाई में हिस्सा लेंगे।
3.ऑनलाइन चालान भुगतान कर सकेंगे।
4.पूरा रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्मेट में सेव रहेगा।