टीआरपी डेस्क। NCERT की किताबों प्राइवेट स्कूलों में अनिवार्य किए जाने को लेकर DEO और प्रइवेट स्कूल एसोसिएशन के बीच ठन गई है। दरअसल रायपुर में जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने सीबीएसई (CBSE) की मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को NCERT द्वारा प्रकाशित किताबों का उपयोग करने की हिदायत दी है। इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं आदेश का पालन न करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई के भी निर्देश हैं।

बता दें कि हाल ही में पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा स्कूलों में किताबें न पहुंचाए जाने और नीजि स्कूलों द्वारा बच्चों के अभिभावकों को प्राइवेट पब्लिशर्स से किताबें लेने के लिए बाध्य करने की खबरें सामने आईं थीं। जिसके बाद डीईओ खंडेलवाल ने निजी स्कूलों के लिए यह आदेश जारी किया है।

प्रइवेट स्कूल एसोसिएशन ने किया आदेश का विरोध
छत्तीसगढ़ प्रइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए डीईओ द्वारा जारी आदेश का विरोध किया है। एसोसिएशन ने बताया कि स्कूलों में प्राइनेट पब्लिशर्स की किताबों से पढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसके आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग को आदेशित किया गया कि एसोसिएशन के सभी सदस्य स्कूलों पर कोई भी किताब उपयोग करने पर कोई कार्रवाई ना की जाए। इस आदेश को आगे बढ़ाते हुए अगली तारीख तक स्टे जारी रखा गया है।

बाजार में उपलब्ध किताबों से पढ़ाना मजबूरी
मामले में छत्तीसगढ़ प्रइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन का कहना है प्रदेश में लगभग सभी नीजि स्कूलों में संचालित नर्सरी, केजी, कक्षा 1 व 2 की कोई भी किताब पाठ्य पुस्तक निगम प्रकाशित नहीं करता है। ऐसे में नीजि स्कूलों की मजबूरी है कि वे बाजार में उपलब्ध किताबों से पढ़ाई करवाएं।
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि निगम द्वारा प्रकाशित किताबें आज की तारीख तक किसी भी स्कूल में उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं। नए सत्र की किताबें नहीं मिलने के कारण ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों ने निजी प्रकाशकों की किताबों से पढ़ाना शुरू कर दिया है
बातचीत से बचते नज़र आए शिक्षा अधिकारी
इस मामले में जब टीआरपी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो विभागीय अधिकारी जवाब देने से बचते नज़र आए। जिले के शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल हमारी टीम से मिलना दूर फोन उठाने तक से बचते रहे।
