रायपुर। ‘भारत माला प्रोजेक्ट’ में हुए करोड़ों रूपये के मुआवजा घोटाले को लेकर कोर्ट ने सख़्ती दिखाई है। रायपुर की स्पेशल कोर्ट (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने इस घोटाले में शामिल राजस्व विभाग के 6 अधिकारियों के खिलाफ उद्घोषणा (Proclamation) नोटिस जारी किया है।
घोटाले में शामिल इन अफसरों में एक एसडीएम, एक तहसीलदार, एक नायब तहसीलदार और तीन पटवारी शामिल हैं, जिन पर रायपुर से विशाखापट्टनम तक प्रस्तावित 463 किलोमीटर फोरलेन सड़क निर्माण परियोजना में मुआवजा तैयार करने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की रकम गबन करने का गंभीर आरोप है।
ये हैं आरोपी अधिकारी:
- निर्भय कुमार साहू – तत्कालीन एसडीएम
- शशिकांत कुर्रे – तहसीलदार
- लखेश्वर प्रसाद किरण – नायब तहसीलदार
- जितेन्द्र कुमार साहू – पटवारी
- बसंती घृतलहरे – पटवारी
- लेखराम देवांगन – पटवारीनोटिस में दिया अंतिम अवसर
इन सभी के खिलाफ विशेष अदालत ने उद्घोषणा जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि आरोपी जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहे हैं और छिपकर रह रहे हैं। अदालत ने सभी को 29 जुलाई 2025 तक स्वयं कोर्ट में पेश होने का अंतिम अवसर दिया है। यदि वे तय तारीख तक उपस्थित नहीं होते, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर संपत्ति कुर्की जैसी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह किया गया घोटाला
भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान कई किसानों और भूमि स्वामियों को अतिरिक्त और गलत तरीके से ज़मीनों का बंटवारा कर मुआवजा बढ़ा दिया गया। जांच में पाया गया कि फर्जी दस्तावेज और गलत सर्वे रिपोर्ट के आधार पर 43 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का गबन किया गया।
जांच में राजस्व विभाग के इन छह अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। प्राथमिक जांच के आधार पर राज्य सतर्कता आयोग और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की थी। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया आरोपों को गंभीर मानते हुए कार्रवाई की।विशेष न्यायालय की ओर से जारी उद्घोषणा नोटिस सार्वजनिक रूप से चस्पा किए जाएंगे और सरकारी माध्यमों से प्रचारित किए जाएंगे। इसके बावजूद यदि आरोपी हाजिर नहीं होते, तो संपत्ति कुर्की, बैंक खाता सीज और स्थायी गिरफ्तारी वारंट की कार्रवाई की जा सकती है।