0 प्रबंधन की लापरवाही फिर हुई उजागर

0 25 लाख खर्च हुए मगर सुरक्षा के नहीं किये गए माकूल इंतजाम

कोरबा। बालको में ठीक थाने के सामने स्थित बाल संप्रेक्षण गृह से सोमवार को आधी रात के बाद शौच के नाम पर ऊपरी मंजिल में गए दो किशोर बाथरूम का रौशनदान तोड़कर फरार हो गए। इनमें से एक चोरी और लूटपाट तथा दूसरा पॉकसो एक्ट का आरोपी है। इस घटना के बाद बाल संप्रेक्षण गृह के नये भवन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है।

किशोरवय विधि से संघर्षरत अपचारी बालकों को निरुद्ध रखने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह का संचालन किया जा रहा है। कोरबा में पूर्व में ग्राम रिसदी में किराए के मकान में इसका संचालन भारी अव्यवस्था के बीच हो रहा था। वहीं निर्माणाधीन भवन में एप्रोच रोड नहीं होने के बहाने अफसर सालों से वहां भवन शिफ्ट करने से बचते रहे। दरअसल एक माह पूर्व ही बाल आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा ने पुराने भवन के निरीक्षण के दौरान काफी नाराजगी जाहिर की और सप्ताह भर में नई व्यवस्था के निर्देश दिए। इसके बाद 9 करोड़ की लागत से बने नये भवन में शिफ्ट करने की बजाय आनन-फानन में 25 लाख रुपए का इंतजाम किया गया और डेढ़ दशक पहले बालको थाने के लिए बने भवन को रेनोवेट कर बाल संप्रेक्षण गृह की शिफ्टिंग का इंतजाम किया गया। बीते शुक्रवार को ही अपचारी बालकों को यहां शिफ्ट किया गया और दो दिनों के भीतर ही यहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई।

आदतन अपराधी और आदतन भगोड़ा

बता दें कि चोरी और लूटपाट के मामले में जांजगीर के एक 16 वर्षीय किशोर को बाल संप्रेक्षण गृह में 19 जून 2025 को किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर निरुद्ध किया गया, वहीं छेड़छाड़ व पॉक्सो एक्ट के मामले में कोरबा के एक अन्य 17 वर्षीय किशोर को यहां 16 जून 2025 को निरुद्ध किया गया। 30 जून को तड़के 4 बजे दोनों अपने कमरे से निकलकर बाथरूम जाने के लिए निकले और रोशनदान की जाली तोड़कर पाइप के सहारे नीचे उतरकर फरार हो गए।

मिली जानकारी के मुताबिक जांजगीर का जो किशोर होम्स से फरार हुआ है उसके खिलाफ चोरी और लूटपाट के आधा दर्जन मामले दर्ज हैं और वह रिसदी स्थित पुराने भवन से पहले भी फरार हो चुका हैं। वहीं यह भी बता दें कि रिसदी स्थित भवन से बालकों के फरार होने के आधा दर्जन से भी अधिक मामले घटित हो चुके हैं और वहां से फरार एक बालक आज तक पकड़ा नहीं जा सका है।

अधिकांश अपचारी बालक जांजगीर जिले के

दरअसल जांजगीर–चाम्पा जिले में बाल संप्रेक्षण गृह संचालित नहीं है, इसलिए वहां पकड़े गए बाल आरोपियों को कोरबा के संप्रेक्षण गृह में लाकर रखा जाता है। वर्तमान में यहां जांजगीर के बच्चे ज्यादा हैं। इस बाल संप्रेक्षण गृह की क्षमता 50 बच्चों की है और वर्तमान में यहां 55 से ज्यादा बच्चे हैं।

विवादास्पद भवन में नया संप्रेक्षण गृह

बताते चलें कि बालको में जिस भवन में बाल संप्रेक्षण गृह स्थानांतरित किया गया है, उसे लगभग डेढ़ दशक पहले वेदांता बालको प्रबंधन द्वारा बालको पुलिस थाने के लिए बनाया गया था, मगर जैसे ही यह भवन बनकर तैयार हुआ, इस बात का खुलासा हुआ कि भवन तो वन विभाग की ज़मीन पर बना हुआ है। फिर क्या था नोटिस भेजने का दौर शुरू हो गया और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने नियमों का हवाला देते हुए नये भवन में बालको थाने को शिफ्ट करने से मना कर दिया। तब से यह भवन वीरान पड़ा हुआ था। अब बाल संप्रेक्षण गृह को यहां किस प्रावधान के तहत शिफ्ट किया गया यह तो प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसर ही जानें। बहरहाल इस भवन से अपचारी बालकों के फरार होने की लिखित सूचना बालको थाने में दे दी गई है। पुलिस के अलावा जांजगीर-चांपा किशोर न्याय बोर्ड, पुलिस को भी इसकी सूचना भेजी गई है। दोनों अपचारी बालकों की तलाश की जा रही है।