टीआरपी डेस्क। हिमाचल प्रदेश में इस दिनों बारिश खूब तबाही मचा रही हैं । इसी बीच मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों में बादल फटने की 17 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें मंडी में अकेले 15 स्थानों पर बादल फटे। बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। अब तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 33 लोग लापता हैं। दर्जनों घायल हैं और 332 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है। भारी बारिश के चलते मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित
मंडी जिले में सबसे अधिक तबाही हुई है। अकेले थुनाग उपमंडल के कुकलाह क्षेत्र में 24 लोग बह गए, जिनमें से अब तक 9 शव बरामद हुए हैं। गोहर, करसोग और धर्मपुर उपमंडल में भी जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। 24 घर और 12 गोशालाएं पूरी तरह तबाह हो गई हैं। 30 मवेशियों की भी मौत हो चुकी है। पट्टीकरी प्रोजेक्ट समेत कई छोटे-बड़े पुल बह गए हैं।

करसोग में नेगली पुल के पास बादल फटने से चार लोग लापता हैं और एक शव बरामद हुआ है। गोहर के स्यांज और बाड़ा गांव में घरों के ढहने से सात लोग मारे गए। धर्मपुर के स्याठी गांव में दो घर और पांच गोशालाएं तबाह हो गईं। ब्यास नदी और स्थानीय नालों ने भीषण रूप धारण कर कई बस्तियों को खाली करवाने पर मजबूर कर दिया।

कई हिस्सों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
एनडीआरएफ और प्रशासन ने मिलकर सैकड़ों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। मंडी के टारना, पैलेस कॉलोनी और डाइट क्षेत्र में जलभराव के बीच 56 लोग रेस्क्यू किए गए। करसोग कॉलेज से 12 छात्रों और चार महिलाओं को बचाया गया। केलोधार, रिक्की और इमला खड्ड समेत कई स्थानों पर रेस्क्यू अभियान अब भी जारी है।