टीआरपी डेस्क। देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को रिटायर हुए आठ महीने हो चुके हैं, लेकिन वे अब भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तत्काल कार्रवाई कर बंगला खाली कराने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय को लिखा पत्र
1 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला नंबर 5 को तत्काल खाली कराने की मांग की। पत्र में कहा गया है कि सेवा निवृत्ति के बाद पूर्व CJI को नियम 3बी के तहत अधिकतम 6 महीने तक बंगले में रहने की अनुमति थी, जो 10 मई 2025 को समाप्त हो गई। इसके बाद उन्हें 31 मई तक की अतिरिक्त मोहलत दी गई थी, जो अब बीत चुकी है।
क्या है मामला?
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे। 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होने के बाद वे अब तक टाइप-8 श्रेणी के बंगले में रह रहे हैं। नियमानुसार, सेवानिवृत्त CJI को 6 महीने के भीतर आवास खाली करना होता है।
गौरतलब है कि उनके उत्तराधिकारी जस्टिस संजीव खन्ना और वर्तमान CJI जस्टिस बी आर गवई, अपने-अपने पुराने आवंटित आवासों में ही रह रहे हैं।
पूर्व CJI ने दी सफाई
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार ने उन्हें किराये पर वैकल्पिक आवास आवंटित किया है, लेकिन वह काफी समय से खाली पड़ा था और जर्जर हालत में है। फिलहाल उस घर की मरम्मत का कार्य जारी है। उन्होंने कहा, “मैंने इस स्थिति की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को पहले ही दे दी थी। जैसे ही नया आवास रहने योग्य होगा, मैं तत्काल वहां शिफ्ट हो जाऊंगा।”