0 जिम्मेदार अफसरों–कर्मचारियों पर कार्रवाई की विधायक ने की मांग

जांजगीर चांपा। जिले में लगातार बारिश के चलते अमरताल गांव के धान संग्रहण केंद्र में पानी भर गया है।सप्ताहभर से हो रही बारिश से शासन का 4 लाख क्विंटल धान पानी में भीगकर अंकुरित हो गया है और अब सड़ने भी लगा है। धान की सुरक्षा करने में विपणन विभाग करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी यहां धान कों सुरक्षित नहीं रखा जा सका है। विधायक ब्यास कश्यप ने शासन-प्रशासन पर किसानों के मेहनत की गाढ़ी कमाई को सहेज नहीं पाने का आरोप लगाया है( उन्होंने जिम्मेदारी अफसर–कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

संग्रहण प्रभारी गलती छिपाने खराब धान को दूसरी बोरी में डाल रहे

जांजगीर चांपा जिले में 63 लाख 27 हजार क्विंटल धान खरीदी की गई है और मिलिंग के बाद बचे धान को अमरताल गांव के संग्रहण केंद्र में रखा गया है। धान खरीदी होने के 5 माह गुजरने के बाद भी यहां रखे धान की मिलिंग नहीं हो सकी है। विभागीय अधिकारियों और धान संग्रहण के अमले की लापरवाही के कारण अधिकांश धान खुले आसमान में रखा गया और अब बरसात में भी धान को सुरक्षित नहीं रख पाए, जिसके कारण धान-पानी में पूरी तरह डूब गया और अंकुरित होने लगा है। संग्रहण प्रभारी अपनी गलती को छिपाने के लिए आनन-फानन में अंकुरित और खराब धान को दूसरी बोरी में पल्टी करने में लगे हैं।

विधायक ने सरकार को लिया आड़े हाथ

इस मामले में जांजगीर चांपा विधानसभा के विधायक ब्यास कश्यप ने कहा, राज्य सरकार ने किसानों के धान को 3100 रुपए में खरीदी की वाहवाही लूटने का प्रयास किया, लेकिन डबल इंजन और चौबल इंजन सरकार होने का दावा करने वाले बीजेपी सरकार ने जानबूझ कर धान को सड़ाया है। उन्होंने धान को औने-पौने कीमत पर नीलामी कर किसानों के रबी फसल के धान की कीमत को प्रभावित करने का भी आरोप लगाया। विधायक ब्यास कश्यप ने इस मामले में दोषी अधिकारी- कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है।