रायपुर। आरटीई (RTE ) के दायरे में आने वाले स्कूलों के फंड के लिए केंद्र से हमने 159 करोड़ रुपए मांगे थे। इसमें से केवल 49 करोड़ रुपए ही मिले हैं। पूरे प्रदेश में 67 स्कूल आरटीई(67 schools in the state under RTE) के दायरे में आते हैं। इसके तहत राज्य सरकार ने 60 करोड़ की प्रतिपूर्ति की। अभी भी 168 करोड़ का भुगतान शेष है। गुरुवार को ये बातें स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कही। वे जकांछ जे के संस्थापक अजीत जोगी के सवालों का सदन में जवाब दे रहे थे। दरअसल आज सदन में अजीत जोगी ने सवाल दागा था कि प्रदेश में आरटीई(RTE ) के तहत आने वाले स्कूलों की तादाद कितनी है। यहां बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है। तमाम स्कूल आरटीई (RTE )की सीटों की संख्या कम करके दिखा रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। अजीत जोगी ने कहा कि आरटीई(RTE ) में जितने आवेदन आएं सबको प्रवेश दिलाइए।
मंत्री ने कहा कि चयनित शाला 1 किलोमीटर के भीतर रहना है। अच्छे स्कूल में सभी एडमिशन कराना चाहते हैं। इस पर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि कई ऐसे स्कूल हैं, जहां 4 प्रतिशत अल्पसंख्यक के पढ़ने के तहत लाभ लेकर आरटीई से बच गए, उनकी समीक्षा हो। इसके लिए अध्ययन के निर्देश दिए। अजीत जोगी और धर्मजीत सिंह ने राजकुमार कॉलेज का जिक्र खासतौर से किया।
जांजगीर में आरटीई के तहत शालाओं को भुगतान:
विधायक इंदु बंजारे ने जांजगीर-चांपा में आरटीई के तहत निजी शालाओं को भुगतान का मुद्दा प्रश्नकाल में उठाया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ विकासखंड में आरटीई के तहत वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में 75 निजी और सरकारी शालाओं को 1 करोड़ 38 लाख 30 हजार 845 रुपए और 61 लाख 4 हजार 960 रुपए इस तरह कुल राशि 1 करोड़ 99 लाख 35 हजार 805 का भुगतान किया जा चुका है।
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