मध्य प्रदेश। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बड़ा ऐलान किया कि भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा। सीएम ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी है। प्रदेश के स्वच्छतम शहर इंदौर और राजधानी भोपाल में बढ़ती जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार और साथ ही तकनीक के कारण भी उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था संबंधी आवश्यकताओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस ऐलान के साथ ही आईपीएस अधिकारियों की पुरानी मांग पूरी हो गई है।

इस मांग को लेकर मध्य प्रदेश IPS एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मुलाकात की थी। सालों से अटका पुलिस कमिश्नर सिस्टम 2020 में 15 अगस्त को लागू किया जाना था। लेकिन, उस वक्त पर घोषणा टल गई थी। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय कई बार पुलिस कमिश्नर सिस्टम के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेज चुका था।अब जाकर अधिकारियों की पुरानी मांग पूरी हो गई है।
इस स्तर अफसरों को मिलेगी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम के पिरामिड में डीजी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, एडीजी स्तर के अधिकारी को पुलिस कमिश्नर बनाया जा सकता है। उसके नीचे एडीजी या आईजी स्तर के दो ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर होंगे। पिरामिड में एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी आईजी या डीआईजी स्तर अफसरों को मिलेगी। इसी तरह डिप्टी पुलिस कमिश्नर डीआईजी या एसपी स्तर के होंगे. जूनियर आईपीएस या वरिष्ठ एसपीएस अधिकारियों को असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर बनाया जा सकेगा।
उभर रही चुनौतियों से निपटने का प्रभावी तरीका
भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने के फैसले पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक शहरों के भौगोलिक विस्तारीकरण, जनसंख्या में वृद्धि और नवीन संदर्भों में कानून व्यवस्था के समक्ष उभर रही चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के साथ ही कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए सीएम को साधुवाद और धन्यवाद देता हूं।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…